Walking Benefits: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में स्वास्थ्य का ख्याल रखना बहुत चुनौतीपूर्ण हो गया है, क्योंकि कामकाज में व्यस्त रहने के चलते खानपान सही नहीं हो पाता और फिजिकल एक्टिविटी भी कम हो जाती है। जिससे कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती है, लेकिन पैदल चलना यानी वॉक करना कई बीमारियों से बचाव ही नहीं करता, बल्कि शरीर को भी फिट रखता है। ऐसे में रात को खाना खाने के बाद अगर सिर्फ 1 हजार कदम चलते हैं तो ये सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। कामिनेनी अस्पताल, हैदराबाद के सीनियर जनरल फिजिशियन और डायबिटोलॉजिस्ट डॉक्टर मुक्शीथ कादरी ने रात को खाने के बाद वॉक करने के फायदे बताए हैं।
कई लोग खाना खाने के बाद आराम से लेट जाते हैं या फिर घंटों तक बैठे रहते हैं। वे खाना खाने के बाद वॉक नहीं करते, जिसके चलते पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं, क्योंकि खाना सही तरह से पच नहीं पाता। हालांकि, खाना खाने के बाद कम से कम 1000 कदम तक की वॉक (walk benefits in hindi) करना फायदेमंद होता है।
पाचन में सुधार
रात के खाने के बाद टहलना पेट और आंतों को उत्तेजित करता है, पाचन में सहायता करता है और पेट फूलने या एसिड रिफ्लक्स को रोकता है। यह पाचन तंत्र के माध्यम से भोजन की गति को बढ़ावा देता है, असुविधा को कम करता है और आंत की हेल्थ के लिए बेहतर पोषक तत्व अवशोषण सुनिश्चित करता है।
शुगर कंट्रोल करने में असरदार
रात के खाने के बाद टहलने से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार और ग्लूकोज स्पाइक्स को कम करके ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। वॉक करने से शुगर बढ़ने का जोखिम कम होता है। इसके साथ ही ये शरीर में एनर्जी लेवल बनाए रखने और मेटाबॉलिज्म को बनाए करने के लिए बहुत असरदार है।
वजन कंट्रोल
भोजन के बाद टहलने से अतिरिक्त कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है, जिससे शरीर में एक्स्ट्रा फैट नहीं बनता। यह चयापचय यानी मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और शरीर को एक्टिव रखता है। जिससे वजन घटाने या बनाए रखने में मदद मिलती है। खाना खाने के बाद टहलने की नियमित आदत एक हेल्दी लाइफस्टाइल और शरीर को बेहतर बनाता है।
हार्ट के लिए फायदेमंद
रात के खाने के बाद हल्की सैर करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इससे दिल मजबूत होता है और ब्लड प्रेशर कम करने में मदद मिलती है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, जबकि अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है, जिससे हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम काफी कम होता है।
वहीं, उम्र के हिसाब से कोलेस्ट्रॉल का स्तर क्या होना चाहिए? क्योंकि, शरीर में जब कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ जाता है तो इसके कारण हार्ट से संबंधी बीमारी और हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।