उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारी बॉडी में कई तरह के बदलाव आते हैं। आमतौर पर 30 से 40 साल की उम्र में शरीर में विटामिन D3 (Cholecalciferol) बनने की क्षमता धीरे-धीरे घटने लगती है। बॉडी में इस विटामिन की कमी के लिए स्किन का पतला होना, सूर्य के संपर्क में कम रहना, लिवर और किडनी की क्षमता कम होना जिम्मेदार है। बॉडी में इस विटामिन के कम होने का सबसे ज्यादा असर हमारी हड्डियों पर पड़ता है।  विटामिन D3 की कमी से शरीर कैल्शियम को ठीक से अवशोषित (absorb) नहीं कर पाता। इसका सीधा असर हड्डियों पर पड़ता है।

इस विटामिन की कमी से हड्डियां कमजोर और भुरभुरी (Brittle bones) हो जाती हैं, ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) और ऑस्टियोमलेशिया (Osteomalacia) जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बॉडी में इस विटामिन की कमी से घुटनों और टांगों में दर्द, कमजोरी और अकड़न महसूस होती है। इस विटामिन की कमी से मांसपेशियों की ताकत भी घटती है।

अगर आप भी बार-बार लड़खड़ाते हैं और टांगों में सुन्नपन,कमजोरी,झनझनाहट और कम जान महसूस करते हैं तो बॉडी में विटामिन डी 3, बी 12 और बी 1 की कमी जिम्मेदार हो सकती है।  AIIMS और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिपोर्ट कहती है कि टांगों में होने वाली ये समस्या बुढ़ापा की वजह से नहीं, बल्कि सार्कोपेनिया है। इस बीमारी में उम्र के साथ मांसपेशियों में खुदबखुद चुपचाप टूटफूट होती है।  इस परेशानी की वजह से पैरों में दर्द, सूजन,कमजोरी और गिरने का डर रहता है। तीन विटामिन ऐसे हैं जो बॉडी में विटामिन डी 2, बी12 और बी 1 की कमी को पूरा करते हैं।

विटामिन डी 3

विटामिन D3 हड्डियों में कैल्शियम पहुंचाता है, मांसपेशियों की सिकुड़न को ठीक करता है और नसों से मस्तिष्क तक संदेश भेजने की क्षमता बढ़ाता है। रोज़ 800 से 2000 IU सुबह भोजन के बाद दूध, दही, अंडा या घी के साथ लें तो पैरों की कमजोरी दूर होगी,सुनपन कम होगा। विटामिन डी 3 की कमी को पूरा करने के लिए अंडे की जर्दी,  फैटी मछली, कॉड लिवर ऑयल, लिवर (Goat or chicken liver) फोर्टिफाइड दूध और दही (Fortified milk & curd), फोर्टिफाइड सीरियल्स और ऑरेंज जूस  D3 मिलाए हुए अनाज और जूस का सेवन करें। मशरूम, घी और मक्खन में भी ये विटामिन मौजूद होता है।

विटामिन B12

विटामिन B12 बॉडी में संतुलन और नसों का असली रखवाला माना जाता है। उम्र बढ़ने पर बॉडी में बी 12 का अवशोषण कम हो जाता है क्योंकि पेट में  acid घटने लगता है। इस विटामिन की कमी से टांगों में झनझनाहट, पैरों में सुन्नता, चलते वक्त लड़खड़ाना, बैलेंस की कमी और याददाश्त में गड़बड़ी होती है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी के अनुसार जिन लोगों की बॉडी में B12 की कमी थी, उनमें गिरने की संभावना दोगुनी थी। रोज़ 500 से 1000 mcg सुबह या दोपहर भोजन के साथ लें। अंडा, मछली, दूध और मांस में भरपूर विटामिन बी 12 होता है। पशुआधारित सभी फूड्स में ये विटामिन भरपूर मौजूद होता है।

विटामिन B1 (थायमिन)

विटामिन B1 यानी थायमिन बॉडी के लिए जरूरी विटामिन है जो मांसपेशियों की ऊर्जा का इंजन है।  विटामिन B1 को विटामिन बोन भी कहा जाता है क्योंकि यह मांसपेशियों को चलने की ताकत देता है। इसकी कमी से टांगों में थकावट, बॉडी में सुस्ती, सीढ़ियां चढ़ते समय सांस फूलना और मांसपेशियों में जकड़न होती है। टोक्यो यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में पाया गया कि जिनमें B1 की कमी थी, वे धीरे चलते थे और सीढ़ियां नहीं चढ़ पाते थे। 7 दिन के सप्लीमेंट के बाद 82% लोगों ने स्टैमिना में सुधार बताया। रोज़ 50 से 100 mg विटामिन बी 1 का सेवन सुबह नाश्ते में करें। सुबह नाश्ते में अंडा, दही या मूंग दाल के साथ D3 और B1 का सेवन करें आपकी टांगे मजबूत होंगी। 

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