यूरीन में इंफेक्शन एक ऐसी परेशानी है जो कभी ना कभी सभी को होता है। यूरीन इंफेक्शन के कई कारण होते हैं जैसे वजाइना की सफाई का ध्यान नहीं रखना, शारीरिक संबंध बनाते समय असुरक्षा, लम्बे समय तक यूरीन को रोक कर रखा, प्रेग्नेंसी के दौरान, मेनोपॉज और शुगर की बीमारी में यूरीन इंफेक्शन का खतरा अधिक रहता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को यूरीन इंफेक्शन ज्यादा होता है, क्योंकि पुरुषों की तुलना में महिलाओं का Urethra छोटा होता हैं, जिससे उनको इंफेक्शन होने की संभावनाएं ज्यादा रहती है। यूरीन इंफेक्शन का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। इन दवाओं का सेवन 3-7 दिनों तक किया जाए तो यूरीन के इंफेक्शन को कंट्रोल किया जा सकता है।

कुछ लोगों को यूरीन इंफेक्शन होता है लेकिन उन्हें उसके लक्षणों की पहचान नहीं होती जिसकी वजह से वो बिना उपचार के ही इस परेशानी से हफ्तों तक परेशान रहते हैं। यूरीन इन्फेक्शन के लक्षणों की बात करें तो पेशाब करने के दौरान जलन होना, यूरिन में बदबू आना, बार-बार बुखार आना, यूरिन का रंग बदलना,पेट के निचले हिस्से और कमर में दर्द होना यूरीन इंफेक्शन के लक्षण हैं।

डॉक्टर भूषण रिसर्च लेब के डॉक्टर भूषण ने बताया कि पेशाब की नली का इंफेक्शन यानि UTI की परेशानी महिलाओं को ज्यादा परेशान करती है जिसमें यूरीन के साथ मवाद आने लगता है। इस परेशानी में पेशाब में बदबू आने लगती है।

आयुर्वेदिक नुस्खे इस बीमारी का असरदार तरीके से इलाज करते हैं। कुछ चीजें जैसे अल्कोहल,नॉनवेज,गर्म मसाले, मांस और ड्राई फ्रू्ट्स से परहेज करें और आयुर्वेदिक नुस्खे अपनाएं तो 3-4 दिनों में असानी से यूरीन के इंफेक्शन को कंट्रोल कर सकते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक किचन में मौजूद साबुत धनिया और शहद का सेवन किया जाए तो सरलता से यूटीआई की समस्या का उपचार किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि ये दोनों चीजें कैसे यूटीआई की परेशानी का उपचार करती हैं।

शहद और साबुत धनिया का पाउडर से करें यूरीन की बदबू और मवाद का इलाज

शहद एक बेहतरीन फूड है जिसका सेवन कई बीमारियों का उपचार करने में किया जाता है। हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक शहद को पानी में घोलकर अगर अगर पिया जाए तो यूरीन इंफेक्शन से बचाव किया जा सकता है। इसका सेवन करने से ब्लैडर की पूरी तरह सफाई हो जाती है। यूरीन की परेशानियों को दूर करने और कैथेटर को साफ करने में शहद का घोल उपयोगी हो सकता है।

साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के मुताबिक पतला शहद कुछ बैक्टीरिया से बचाव करता है और कैथेटर को साफ रखता है। इसका सेवन करने से पेशाब में होने वाली जलन और घाव का इलाज होता है। शहद का सेवन नेचुरल एंटीसेप्टिक के रूप में सदियों से किया जाता रहा है।

धनिया के बीज हर किचन में मौजूद होते हैं, यूरीन इंफेक्शन से बचाव करने के लिए धनिया के बीज का सेवन बेहद उपयोगी होता है। आप एक चम्मच धनिया लें और उसे इमाम दस्ता में डालकर दरदरा कूट लें। अब एक गिलास पानी लें और इस दरदरा धनिया के पाउडर को एक गिलास पानी में रात में भिगो दें। सुबह उठकर इस पानी को छन्नी में छान लें और उसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और उसे अच्छे से मिक्स कर लें। अगर आपको डायबिटीज है तो आप धनिया के पानी में शहद नहीं डालें, बिना शहद के इसका सेवन करें।

कब और किस तरह करें सेवन

  • इस पानी का सेवन शुरूआत के दो दिनों में सुबह खानी पेट करना है।
  • तीसरे दिन इस पानी का सेवन खाना खाने के दो घंटे बाद करना है।
  • एक हफ्ते तक इस पानी का सेवन करने से पेशाब की जलन,मवाद और दर्द से निजात मिलेगी।