हमारी जिंदगी में प्लास्टिक का दखल बहुत ज्यादा हो चुका है। खाने से लेकर पीने तक की चीजों में प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं, यहां तक कि खाने-पीने का सामान भी प्लास्टिक में ही लेन-देन करते हैं। आप जानते हैं कि ये प्लास्टिक हमारी बॉडी के लिए घातक साबित हो रहा है। हम अपनी ओरल हाईजीन को मेंटेन करने के लिए भी प्लास्टिक का ही इस्तेमाल करते हैं। आप जानते हैं कि प्लास्टिक का ब्रश और प्लास्टिक का इस्तेमाल आपके पेट को साल भर में 52,000 माइक्रोप्लास्टिक से भर देता है। प्लास्टिक से दूर रहना न सिर्फ बॉडी को हेल्दी रखने के लिए जरूरी है बल्कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए भी जरूरी है।

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. डिंपल जांगड़ा ने बताया कि मनुष्य सालाना 39,000 से 52,000 माइक्रोप्लास्टिक का उपभोग कर रहा हैं। इतनी तादाद में प्लास्टिक का सेवन कैंसर जैसी घातक बीमारियों का खतरा पैदा कर रहा है। आप जानते हैं कि प्लास्टिक का अधिक सेवन पोषण, मेटाबॉलिज्म और  न्यूरो डेवलपमेंट को प्रभावित करता है। इतना ही नहीं प्लास्टिक का ज्यादा सेवन आपकी प्रजनन क्षमता तक को प्रभावित करता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि प्लास्टिक के ब्रश कैसे ओरल हेल्थ को प्रभावित करते हैं और इसका विकल्प क्या है।

प्लास्टिक के ब्रश से दांतों की सफाई क्यों नहीं करना चाहिए?

ज़िनोवा शाल्बी हॉस्पिटल मुंबई में इंटरनल मेडिसिन एक्सपर्ट,डॉ जांगडा ने बताया कि माइक्रोप्लास्टिक्स कई बीमारियों जैसे वजन बढ़ाने, इंसुलिन प्रतिरोध और प्रजनन स्वास्थ्य में कमी का कारण बनता है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आप प्लास्टिक के टूथब्रश से दांतों को साफ करते हैं तो अपनी इस आदत को तुरंत बदल लें। आप प्लास्टिक के ब्रश से टूथपेस्ट करते हैं तो साल में 39,000 से 52,000 माइक्रोप्लास्टिक को निगल जाते हैं।

आप प्लास्टिक का इस्तेमाल करने पर कंट्रोल करें, खासकर आप ब्रश करने के लिए प्लास्टिक का ब्रश इस्तेमाल नहीं करें उसकी जगह आप बांस का टूथब्रश या चारकोल टूथब्रश का इस्तेमाल करें। बांस और चारकोल का टूथब्रश न केवल आपके दांतों को सफेद करता है बल्कि बैक्टीरिया का भी सफाया करता है। इस ब्रश से टूथपेस्ट करने से सांस की बदबू दूर होती है।हेल्थलाइन के अनुसार हाल की रिसर्च से पता चला है कि चारकोल टूथब्रश सामान्य टूथब्रश की तुलना में थोड़ा ज्यादा प्रभावी हो सकता है।

चारकोल-युक्त ब्रिसल्स दांतों के दाग-धब्बों को दूर करने, मुंह के PH लेवल को बनाए रखने में और एंटी-बैक्टीरियल के रूप में काम करते हैं। इस ब्रश से दांतों को साफ करने से दांतों से प्लाक को दूर किया जा सकता है। प्लास्टिक ब्रश के विपरीत बांस में प्राकृतिक रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो बॉडी को बीमारियों से बचाते हैं। इस ब्रश के ब्रिसल्स सक्रिय चारकोल से युक्त होते हैं, इससे उनके लिए अम्लीय तत्वों को अवशोषित करना आसान हो जाता है जो दांतों पर दाग लगाते हैं जैसे वाइन या कॉफी। चारकोल टूथब्रश का इस्तेमाल करने से कोई नुकसान नहीं होता।

प्लास्टिक से करें बचाव

डॉ. माहेश्वरी के अनुसार आप बॉडी को हेल्दी रखना चाहते हैं तो आप फूड्स को स्टोर करने से लेकर पकाने तक के लिए आप प्लास्टिक के कंटेनरों का इस्तेमाल नहीं करें। प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने के बजाय आप कांच की बोतल और गिलास में पानी पिएं। आप स्टेनलेस स्टील के जार और गिलास का इस्तेमाल करें।