यूरिक एसिड एक ऐसा केमिकल है जो शरीर में तब बनता है जब शरीर प्यूरीन नामक केमिकल को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ता है। अगर आप बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण जानने होंगे। शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने से कई तरह की बीमारियां होती हैं, जैसे आर्थराइटिस, गाउट, हृदय रोग, शुगर या किडनी रोग। यदि आपके शरीर पर लालीपन आने लगे तो आपको जल्द डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है। त्वचा पर लालीपन आना यूरिक एसिड के लक्षणों में एक हैं। आइए जानते हैं यूरिक एसिड के और क्या-क्या लक्षण होते हैं-
यूरिक एसिड के लक्षण:
– त्वचा पर लालीपन आना
– जोड़ों में दर्द होना
– अंगुलियों में सूजन आ जाना
– उठने-बैठने में परेशानी होना
– जल्दी थकावट महसूस होना
– पैरों और हाथों की अंगुलियों में चुभन वाला दर्द होना, जो कई बार असहनीय हो जाता है।
यूरिक एसिड के कारण:
– अनहेल्दी खान-पान और लाइफस्टाइल के कारण यूरिक एसिड बढ़ सकता है।
– प्यूरिन वाले फूड्स जैसे- दाल, मशरूम, टमाटर, मटर खाने से यूरिक एसिड बढ़ता है।
– अधिक व्रत रखने वाले लोगों में अस्थायी रूप से यूरिक एसिड बढ़ता है।
– शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ जाने से।
– मोटापा।
– हाई ब्लड प्रेशर</p>
यूरिक एसिड का आयुर्वेदिक इलाज:
– एक चम्मच शहद में एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर मिलाएं और एक कप गर्म दूध के साथ पिएं। इससे यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है।
– रोजाना तीनों वक्त खाना खाने के 5 मिनट बाद एक चम्मच अलसी का बीज खाएं। ऐसा करने से शरीर में यूरिक एसिड नहीं बनता है।
– रोज 2 से 3 चेरी खाने से यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है।
– रोज ज्यादा से ज्यादा पानी पीने से शरीर से यूरिक एसिड आसानी से बाहर निकल जाता है।
– अजवाइन का सेवन करके भी यूरिक एसिड के स्तर को कम किया जा सकता है।
– सूजन और दर्द में आराम के लिए आप गर्म पानी में सूती कपड़ा भिगोकर जरूर सेकें।
– रोजाना योग करने से भी यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है।
– मसालेदार और तली-भूनी चीजों को खाना बिल्कुल बंद कर दें।