डायबिटीज अजीवन रहने वाली एक घातक बीमारी है, जो पीड़ित को बुरी तरह प्रभावित करती है। इसके दो प्रकार हैं, पहला टाइप 1 डायबिटीज जो अनुवाशिंक होती है और दूसरा टाइप 2 डायबिटीज जिसके पीछे अनहेल्दी लाइफस्टाइल से लेकर गलत खानपान तक कई कारण जिम्मेदार रहते हैं। पहले के समय में ये समस्या उम्र बढ़ने के साथ होती थी लेकिन वर्तमान समय में बच्चे भी टाइप 2 डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं।
बता दें कि डायबिटीज धीरे-धीरे आपके पूरे शरीर को खोखला बना देती है। ब्लड शुगर बढ़ने से पीड़ित के हार्ट, किडनी, आंखों आदि कई अंगों पर बेहद खराब असर पड़ता है। वहीं, क्योंकि फिलहाल डायबिटीज का कोई ज्ञात इलाज भी नहीं है ऐसे में ये और अधिक खतरनाक हो जाती है। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स खासकर माता-पिता को अपने बच्चों की सेहत का ख्याल रखने की सलाह देते हैं।
माता-पिता द्वारा बरती गईं कुछ लापरवाही बच्चों को अजीवन रहने वाली इस घातक बीमारी का शिकार बना सकती है। हाल ही में पोषण विशेषज्ञ दीपशिखा जैन ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर कर ऐसी ही 3 आदतों के बारे में बताया है, जो बच्चों में तेजी से टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ा रही हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में-
ब्रेकफास्ट स्किप करना
दीपशिखा जैन बताती हैं कि ब्रेकफास्ट दिन का सबसे जरूरी मील है। ऐसे में बच्चों का ब्रेकफास्ट स्किप न होने दें। कई हेल्थ रिपोर्ट्स में सामने आया है कि सुबह के समय नाश्ता न करने से मोटापे का खतरा बढ़ सकता है, वहीं मोटापा टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। ऐसे में बच्चों में नाश्ता करने की आदत डालें और सुबह के पहले मील में उन्हें पोषक तत्वों से भरपूर बैलेंस डाइट दें। इससे उनका शुगर लेवल भी दिनभर कंट्रोल रहता है।
एनर्जी ड्रिंक या शुगरी ड्रिंक का सेवन
बच्चों को शुगरी ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक देने से बचें। इस तरह के पेय भी उनमें टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकते हैं। यकीनन बच्चों को ये ड्रेक्स खूब पसंद आती हैं लेकिन थोड़ी मात्रा में भी इनका सेवन डायबिटीज के खतरे को बहुत अधिक बढ़ा सकता है। इनमें शुगर की मात्रा अधिक होती है, जिससे ब्लड शुगर स्पाइक का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही इस तरह की ड्रिंक्स को पीना बच्चों की आदत भी बन सकता है। इससे अलग आप उन्हें ताजे फल खाने के लिए दे सकते हैं या नारियल पानी आदि हेल्दी ड्रिंक्स पीने के लिए दे सकते हैं।
फिजिकल एक्टिविटी में कमी
इन सब से अलग दीपशिखा जैन माता-पिता को बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी पर भी ध्यान देने की सलाह देती हैं। आज के समय में बच्चे घर के अंदर टीवी, मोबाइल फोन या लैपटॉप स्क्रिन पर अधिक समय बीताने लगे हैं। माता-पिता भी बच्चों को घर के अंदर ही रहने की सहाल देते हैं, इससे उनकी फिजिकल एक्टिविटी में कमी आने लगती है, जो भी उन्हें डायबिटीज सहित कई गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकती है। ऐसे में बच्चों को शारीरिक गतिविधि करने के लिए प्रोत्साहित करें।
इन 3 मामूली लेकिन जरूरी बातों को ध्यान में रखकर आप उन्हें टाइप 2 डायबिटीज सहित कई अन्य गंभीर बीमारियों के खतरे से भी दूर रख सकते हैं।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।