यूरिक एसिड एक तरह का केमिकल है, जो बॉडी में प्यूरीन नामक प्रोटीन के टूटने से बनता है। जब शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है, तो इसके कारण जोड़ों में दर्द, सूजन, लालिमा, घबराहट, बैचेनी समेत कई तरह की गंभीर समस्याएं होने लगती हैं। गंभीर मामलों में तो हाई यूरिक एसिड के मरीजों को हार्ट अटैक, किडनी फेलियर और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट्स मरीजों को यूरिक एसिड को काबू में रखने की सलाह देते हैं।

आमतौर पर हाई यूरिक एसिड के मरीजों को कमर, घुटने और गर्दन आदि जगहों पर समस्या होती है लेकिन इसे समय रहते कंट्रोल ना किया जाए तो यह अर्थराइटिस का कारण बन सकता है। वैसे तो यूरिक एसिड को दवाइयों के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है। लेकिन योग गुरू स्वामी रामदेव के अनुसार कुछ जड़ी-बूटियां हैं, जिनके जरिए भी हाई यूरिक एसिड पर काबू पाया जा सकता है। बाबा रामदेव यूरिक एसिड के मरीजों को गोखरू का सेवन करने की सलाह देते हैं।

गोखरू: आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में गोखरू का इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है। इसमें कैल्शियम, पोटेशियम, विटामिन-सी, प्रोटीन, नाइट्रेट और फ्लेवोनोइड की भी अच्छी-खासी मात्रा होती है। गोखरू में मूत्रवर्धक गुण पाए जाते हैं, जो किडनी को हेल्दी रखने में मदद करते हैं, जिससे यूरिक एसिड का स्तर काबू में रहता है।

इस तरह करें गोखरू का सेवन: आप सुबह या फिर रात को सोने से पहले गोखरू का काढ़ा बनाकर पी सकेत हैं। इससे ना सिर्फ यूरिक एसिड का स्तर कंट्रोल होता है बल्कि जोड़ों में दर्द की समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है। इसके लिए रात में गोखरू को पानी में भिगोकर रख दें, फिर सुबह उठकर इसका सेवन करें। काढ़ा बनाने के लिए गोखरू को 400 ग्राम पानी में डालकर उबाल लें। जब यह पानी 10 ग्राम रह जाए तो इसका गुनगुना ही सेवन करें।

नियमित तौर पर गोखरू के काढ़े का सेवन करने से यूरिक एसिड का स्तर काबू में रहता है। अर्थराइटिस और गाउट के मरीज भी डॉक्टर की सलाह पर इसका सेवन कर सकते हैं।