कपड़ों से बाहर झांकता हुआ मोटापा खासकर निकली हुई तोंद देखने में बहुत ऑड लगती है। ये मोटापा क्वालिटी ऑफ लाइफ को बहुत गड़बड़ करता है और साथ ही बहुत सारी हेल्थ प्रॉब्लम को भी बढ़ाता है। निकली हुई तोंद को कम करने के लिए डाइट काफी हद तक जिम्मेदार है। खराब डाइट और बिगड़ता हुआ लाइफस्टाइल मोटापा को बढ़ाने में जिम्मेदार है। डाइट में कुछ फूड्स का सेवन करने से विसरल फैट तेजी से बढ़ता है। मोटापा को कम करना काफी मशक्कत का काम है खासकर विसरल फैट यानी पेट की चर्बी से छुटकारा पाना।

गैस्ट्रो लिवर हॉस्पिटल कानपुर में डॉ वी के मिश्रा ने बताया कि विसरल फैट हमारी ऑर्गन के चारों तरफ मौजूद फैट होता है जो बहुत ज्यादा खतरनाक होता है। ये फैट लिवर के चारों तरफ, किडनी के चारों तरफ, इंटेस्टाइन के चारों तरफ मौजूद होता है। विसरल फैट तब तक नहीं दिखता जब तक वो फील नहीं होता। अगर पेट बाहर आने लगे तो ये फैट फील भी होने लगता है।

एक्सपर्ट के मुताबिक जब भी हम वजन कम करने की बात करते हैं या फिर तोंद को घटाने की बात करते हैं तो हमारे सामने दो ही बातें सामने आती हैं एक डाइट और दूसरी एक्सरसाइज। अगर आप डाइट को छोड़ दें और सिर्फ एक्सरसाइज करें तो क्या ये फैट ठीक हो जाएगा? या फिर डाइट ठीक करें और लाइफस्टाइल सेडेंटरी रखें तो ये फैट ठीक हो जाएगा? आखिर कैसे होगा ये फैट कंट्रोल। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आप सिर्फ स्ट्रिक एक्सरसाइज करें और डाइट में बदलाव नहीं करें तो आपको मनचाही बॉडी नहीं मिलेगी। आपको एक्सरसाइज के साथ ही डाइट का भी ध्यान रखना होगा तभी आपको मनचाही बॉडी मिलेगी।

वजन कंट्रोल करने के तीन सिद्धांत है

  • कार्ब्स का सेवन कंट्रोल करें
  • खाने में मोनोअनसैचुरेटेड फैट और पॉली अनसैचुरेटेड फैट को बढ़ाने की जरूरत है।
  • लीन प्रोटीन का सेवन बढ़ाने की जरूरत है।

कार्ब्स में आप चावल, दालें और रोटी का सेवन कम कीजिए। कार्ब्स का ज्यादा सेवन खून में पहुंचकर इंसुलिन तेजी से ट्रिगर होता है। वजन कम करना चाहते हैं तो आप डाइट में हेल्दी फैट को बढ़ाएं। हेल्दी फैट बढ़ाने के लिए आप डाइट में नट्स, फिश, एवोकाडो और ऑलिव ऑयल का सेवन करें। इन सभी फूड्स का सेवन करने से आपको हेल्दी फैट मिलेगा।

ऑयल का सेवन करने से मोटापा बढ़ता है या फिर चावल का सेवन करने से

मोटापा बढ़ाने में कार्ब्स का सेवन बेहद असरदार साबित होता है। एक्सपर्ट के मुताबिक आपका मोटापा बढ़ाने में तेल का सेवन उतना असरदार नहीं है जितना कार्ब्स का सेवन है। कार्ब्स का सेवन इंसुलिन को ट्रिगर करता है जबकि फैट का सेवन इंसुलिन को ट्रिगर नहीं करता। फैट में मोनोअनसैचुरेटेड फैट और पॉली अनसैचुरेटेड फैट बहुत सारे एडवांटेज लेकर चलते हैं। कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने से बॉडी में इंसुलिन की मात्रा बढ़ेगी और जो कार्ब्स से बॉडी में ग्लूकोज पहुंचा है अगर वो यूटीलाइज नहीं हुआ तो इंसुलिन उस सारे ग्लूकोज को सेल्स में पुश कर देता है और सेल्स में ये फैट के रूप में स्टोर होगा।

अगर आपको वजन को कम करना है तो आपको डाइट में कार्ब्स का सेवन करने पर कंट्रोल करना होगा। अगर आप डाइट में कार्ब्स को कम खाते हैं और हेल्दी फैट का ज्यादा सेवन करते हैं तो आपको वजन कम करने में आसानी होगी। अक्सर लोग मोटापा कम करने के लिए चिकनाई को जिम्मेदार मानते हैं और सबसे पहले ऑयल पर कंट्रोल करते हैं। ऑयल कुछ हद तक मोटापा बढ़ाता है जबकि कार्ब्स आपका मोटापा बढ़ाने में मुख्य तौर पर जिम्मेदार है। कार्ब्स में चावल, गेहूं और बाकी अनाज शामिल हैं।

अगर आप चावल, मीठी चीजें ज्यादा खाते हैं तो इंसुलिन ज्यादा रिलीज होगा। इंसुलिन के ज्यादा रिलीज होने से बॉडी के सेल्स में फैट ज्यादा डिपॉजिट होता है। बॉडी के फैट को कंट्रोल करने के लिए और खासकर विसरल फैट को कंट्रोल करने के लिए कार्ब्स का सेवन कंट्रोल करना जरूरी है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आप हेल्दी ऑयल का सेवन करें और कार्ब्स का सेवन कम करें तो आसानी से वजन को कंट्रोल कर सकते हैं।