सर्दी में बॉडी में तरह-तरह की परेशानियां हो रही है। किसी को हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द परेशान कर रहा है तो किसी के हाथों और पैरों में झनझनाहट हो रही है, तो किसी को भूख नहीं लग रही। आप जानते हैं बॉडी में होने वाले ये बदलाव किस चीज का संकेत देते हैं? जी हां बॉडी में होने वाले ये बदलाव साफ इशारा करते हैं कि आपकी बॉडी में विटामिन बी 12 की कमी हो गई है। बॉडी में विटामिन बी-12 की कमी का कारण आपकी डाइट है। इस विटामिन की कमी ज्यादातर शाकाहारी लोगों में होती है, क्योंकि मांसाहारी फूड में विटामिन बी 12 भरपूर होता है। मांस, मछली और अंडा में विटामिन बी 12 भरपूर होता है लेकिन जो लोग मांसाहारी फूड का सेवन नहीं करते उन्हें ये परेशानी ज्यादा होने लगती है।
आप जानते हैं कि जरूरी नहीं है कि आप मांसाहारी फूड का ही सेवन करें तो आपकी बॉडी में विटामिन बी 12 की कमी की भरपाई होगी। कुछ साग ऐसे हैं जो बॉडी में विटामिन बी 12 की कमी को पूरा करते हैं। कुछ साग को अगर आप सर्दी में रोटेट करके खाएं तो आप आसानी से सर्दी में होने वाली हाथ-पैरों की झनझनाहट और हड्डियों के दर्द को कंट्रोल कर सकते हैं।
बच्चों की डॉक्टर डॉ. दीपिका राणा ने बताया बॉडी के लिए विटामिन बी 12 बेहद जरूरी है। ये आपके रेड ब्लड सेल्स के फॉर्मेशन में मदद करता है और एनीमिया से बचाता है। ये विटामिन ब्रेन की फंक्शनिंग को बेहतर करता है। अगर आप शाकाहारी है और आपकी बॉडी में विटामिन बी 12 की कमी है तो आप कुछ साग का सेवन करें। आइए जानते हैं कि बॉडी में विटामिन बी 12 की कमी होने पर कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं और कौन-कौन से साग खाकर इनकी भरपाई की जा सकती है।
विटामिन बी-12 की कमी के लक्षण
- थकान और कमजोरी होना।
- चक्कर आना।
- त्वचा का पीला या पीला-सा रंग।
- हृदय की धड़कन तेज होना।
- हाथ-पैरों में झुनझुनी
- अवसाद और चिड़चिड़ापन
- भूख में कमी होना।
- आंखों और स्किन का पीला होना
- भूलने की समस्या
- शरीर का बैलेंस बनाने में परेशानी होना।
बथुआ का करें सेवन
बथुआ सर्दी का फेमस साग है जो औषधीय गुणों से भरपूर है। सर्दी में बथुआ का सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है और बॉडी को कई तरह के फायदे भी होते हैं। बथुआ बॉडी के लिए जरूरी पोषक तत्वों का बेहतरी स्रोत है जो शरीर को हेल्दी रखने के लिए जरूरी है। रोजाना सर्दी में बथुआ खाने से बॉडी में विटामिन बी 12 की कमी का असर कंट्रोल रहता है। विंटर में इस साग को खाने से बॉडी में हॉर्मोन इंबैलेंस की समस्या ठीक रहती है। बथुआ में भरपूर फोलेट होता है जो ब्लड प्रोडक्शन और कोशिकाओं के विकास में सहायक होता है। विटामिन बी12 की कमी को पूरा करने के लिए बथुआ का सेवन असरदार साबित होता है। आप बथुआ का पराठा, रायता और बथुआ वाली दाल के रूप में खा सकते हैं।
पालक से करें विटामिन बी 12 की कमी पूरी
पत्तेदार सब्जियों में सीधे तौर पर विटामिन बी12 नहीं पाया जाता, लेकिन कुछ पत्तेदार सब्जियां आपके शरीर में विटामिन बी12 के स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकती हैं। पत्तेदार सब्जियों में आप पालक का सेवन करें। आयरन और फोलेट से भरपूर पालक बॉडी में विटामिन बी12 की कमी को पूरा करता है। पालक में आयरन होता है जो ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने और एनीमिया से बचाव करने में मदद करता है। यह विटामिन बी12 की कमी के कारण होने वाली थकावट को दूर करता है। पालक में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन बॉडी को हेल्दी रखने में मदद करते है।
मेथी का करें सेवन (Fenugreek Leaves)
मेथी का साग पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो बॉडी को हेल्दी रखता है। मेथी का साग विटामिन बी12 का प्रत्यक्ष स्रोत नहीं है क्योंकि ये विटामिन मांस, मछली, अंडे और डेयरी प्रोडक्ट में पाया जाता है। मेथी के साग में फोलेट और आयरन भरपूर होता है जो ब्लड के उत्पादन को बढ़ाता है। ये साग विटामिन बी12 की कमी के कारण होने वाले एनीमिया से बचाव करता है। मेथी आयरन का बेहतरीन स्रोत है जो विटामिन बी12 की कमी के कारण होने वाली थकान और कमजोरी को दूर करता है। मेथी का साग विटामिन, मिनरल्स और फाइबर का बेहतरीन स्रोत है जो इम्यूनिटी को स्ट्रांग करता है और बॉडी को हेल्दी रखता है।
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