High Blood Pressure: ब्लड प्रेशर का घटना और बढ़ना दोनों ही परेशानी का सबब बन सकता है। यह बीमारी बिना कोई लक्षण दिखाए, धीरे-धीरे आपके अंदर गंभीर बीमारियों को बढ़ावा देने लगता है। लेकिन फिर भी अधिकतर लोग इस समस्या को हल्के में ले लेते हैं जो परिणामस्वरूप हार्ट डिजीज का रूप ले सकता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार ब्लड प्रेशर का स्तर अगर 130/80 mmhg से अधिक हो तो उसे उच्च रक्तचाप की श्रेणी में रखा जाता है। आंकड़ों के मुताबिक करीब 33 फीसदी शहरी और 25 परसेंट ग्रामीण क्षेत्र के लोग उच्च रक्तचाप के मरीज हैं। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि ब्लड प्रेशर को जांचने का तरीका क्या है –

कई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि ब्लड प्रेशर का सही आकलन करने के लिए सिर्फ एक ही नहीं बल्कि तीन बार रीडिंग लेना चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि तीन मिनट के अंतराल पर तीन बार बीपी जांचना चाहिए। इससे सही बीपी रीडिंग आने की संभावना ज्यादा होती है।

सामान्य ब्लड प्रेशर (Normal BP Reading) 120/80 mm Hg को माना जाता है। स्लैश के ऊपर वाले अंकों को सिस्टॉलिक ब्लड प्रेशर और निचले हिस्से को डायस्टॉलिक ब्लड प्रेशर कहते हैं।

हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि बीपी चेकअप कराते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ एक्सटर्नल फैक्टर बीपी रीडिंग को प्रभावित करते हैं।

गलत रीडिंग आने से बचने के लिए इस बात का ध्यान रखें कि जांच से कम से कम आधे घंटे पहले व्यायाम, धूम्रपान, कैफीन वाले ड्रिंक्स जैसे चाय कॉफी या भारी भोजन बिल्कुल ना करें। भर पेट खाने के 2 घंटे बाद ही चेकअप करें। नापने से पहले कम से कम 5 मिनट कुर्सी पर बैठकर रिलैक्स करें।

कई डिजिटल मशीनें अलग-अलग रीडिंग दिखाती हैं। इसलिए, अपने लिए सही ब्लड प्रेशर रीडर मशीन ही खरीदें और खरीदते वक्त डॉक्टर कि सलाह जरूर लें। बीपी नापने से पहलें कफ को इस तरह बांधें कि उसका निचला हिस्सा कोहनी से ऊपर तक हो।

बीपी नापने से पहले पेशाब कर लें, ब्लैडर भरा होने से रीडिंग प्रभावित होती है। नापने के दौरान शरीर को हिलाएं नहीं और बात करने से भी बचें।