दूध के दांत निकलने के दौरान बच्चों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है। बता दें कि दूध के दांत उन्हें कहा जाता है, जो शिशु के जन्म के बाद आते हैं। ये दांत थोड़े समय बाद एक-एक कर टूटने लगते हैं और इसके बाद एक बार फिर बच्चों के नए दांत आते हैं। यानी जन्म के बाद किसी भी इंसान के दांत दो बार उगते हैं। हालांकि, पहली बार यानी दूध के दांत आने के दौरान अधिकतर बच्चे बेहद तकलीफ से होकर गुजरते हैं। इस दौरान उन्हें तेज बुखार, मसूड़ों में दर्द, खुजली और सूजन, पेट में दर्द, दस्त और कमजोरी जैसी समस्याएं खूब परेशान करती हैं। ऐसे में अगर आपका बच्चा भी इन तकलीफों से गुजर रहा है, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।
यहां हम आपको कुछ ऐसी टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप मासूम की तकलीफ को काफी हद तक कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे-
मसूड़ों की तकलीफ दूर करने के लिए अपनाएं ये तरीके-
- हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अगर शिशु दांत निकलने के दौरान बार-बार अपनी उंगली मुंह की ओर ले जा रहा है या बच्चे के मुंह से अधिक लार आ रही है, तो हो सकता है कि वह मसूड़ों में दर्द, खूजली की समस्या से जूझ रहा हो। इस तरह की स्थिति में मसूड़ों पर हल्की सूजन भी नजर आती है। वहीं, इस परेशानी से बच्चे को राहत दिलाने के लिए आप उनके मसूड़ों को हल्का रगड़ सकते हैं। हालांकि, ध्यान रहे इसके लिए सबसे पहले अपने हाथों खासकर उंगलियों को अच्छी तरह धोकर साफ कर लें। इसके बाद किसी पट्टी को उंगिलयों पर लगाएं, आप चाहें तो इसके लिए बच्चों की बोतल की निप्पल की मदद भी ले सकते हैं। निप्पल को हल्के गर्म पानी में धोकर साफ कर लें और इसमें उंगली डालकर उसके मसूड़ो को हल्का रगड़ें। ऐसा करने पर हल्का दबाव आपके बच्चे के दर्द को कम करेगा, साथ ही मासूम को खुजली से भी राहत मिलेगी।
- इससे अलग आप बच्चे को एक गाजर या सेब का लंबा टुकड़ा दे सकते हैं। इसे चबाने पर ना केवल मासूम को दर्द से थोड़ी राहत मिलेगी, बल्कि गाजर और सेब का रस थोड़ा-थोड़ा उनके मुंह में जाता रहेगा, जो उनकी सेहत के लिए भी अच्छा हो सकता है। हालांकि, यहां भी ध्यान रखें कि गाजर या सेब के टुकड़े छोटे न हों। वे बच्चे के गले में अटक सकते हैं। साथ ही बड़ा टुकड़ा देने पर भी मासूम की निगरानी करते रहें।
दस्त होने पर ऐसे रखें ख्याल
- अगर आपके बच्चे को दस्त हो रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में उनके शरीर में पानी की कमी न होने दें। इसके लिए आप बच्चे को थोड़े-थोड़े समय में थोड़ी मात्रा में नारियल पानी पिला सकते हैं। साथ ही डॉक्टर की सलाह पर ORS दे सकते हैं। बता दें कि शरीर में पानी की कमी होने से बैक्टीरिया तेजी से पनपने शुरू होते हैं।
- लूज मोशन रोकने के लिए दही को एक बेहतर विकल्प माना जाता है। ऐसे में लूज मोशन से राहत पाने के लिए आप बच्चे को कुछ मात्रा में दही चटा सकते हैं। दही में अच्छी मात्रा में गुड बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो आंत को स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं। इसके अलावा मासूम को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ देना बेहद जरूरी है।
बुखार से राहत पाने के लिए अपनाएं ये तरीके
- अगर बच्चे को तेज बुखार है, तो दवाओं के साथ-साथ खासकर उसके खाने-पीने का ध्यान रखें, जिससे मासूम अधिक कमजोर महसूस ना करे। इस स्थिति में आप बच्चे को मूंग दाल की पतली खिचड़ी खिला सकते हैं। खिचड़ी हल्का फूड होने के साथ-साथ पोषक तत्वों से भरपूर होती है, ऐसे में ये ना केवल बच्चे की भूख को शांत करेगी, बल्कि इसका सेवन उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने में भी मदद करेगा।
- इन सब के अलावा आप बच्चे को दलिया खिला सकते हैं। दूध का दलिया बच्चे को प्रोटीन समेत कई अन्य पोषक तत्व प्रदान करेगा, जिससे भी मासूमों को अधिक कमजोरी का एहसास नहीं होगा और वह जल्द स्वस्थ महसूस करेगा।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।