डायबिटीज यानी मधुमेह एक क्रॉनिक डिसीस है, जो अनियमित जीवन-शैली, खराब खानपान और फिजिकल एक्टिविटी के कमी के कारण होती है। मधुमेह की बीमारी में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखना बेहद ही जरूरी होता है। क्योंकि, बॉडी में शुगर का स्तर बढ़ने से हार्ट फेलियर, ब्रेन स्ट्रोक, किडनी फेलियर और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का खतरा भी बढ़ जाता है। बता दें, अग्नाश्य जब इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन करना कम या फिर बंद कर देता है तो इससे शरीर में ब्लड शुगर लेवल की मात्रा बढ़ने लगती है। लेकिन खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव कर, ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।

मैदा: मैदा स्वास्थ्य के लिए बेहद ही हानिकारक होती है। मैदा से बनी चीजों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। इसलिए शुगर के मरीजों को मैदा से बनीं चीजें जैसे ब्रेड, पास्ता या फिर फास्ट फूड आदि के सेवन से परहेज करना चाहिए।

तला-भुना खाना: डायबिटीज के मरीजों को तली-भुनी चीजों के सेवन से भी परहेज करना पड़ता है। क्योंकि, इसके कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। इसलिए उन्हें फ्राइड चिप्स और पकौड़ों जैसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

आलू: आलू में यूं तो कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसमें विटमिन सी, पोटेशियम, फाइबर, विटामिन बी, कॉपर, ट्रायप्टोफान, मैंगनीज, और ल्यूटिन की अच्छी-खासी मात्रा होती है। लेकिन शुगर के मरीजों के लिए आलू खाना नुकसानदेह हो सकता है। क्योंकि, आलू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी अधिक होता है, जिसके कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।

फ्लेवर्ड कॉफी: डायबिटीज के मरीजों के लिए यूं तो कॉफी पीना अच्छा होता है, लेकिन फ्लेवर्ड कॉफी उनके लिए हानिकारक साबित हो सकती है। क्योंकि फ्लेवर्ड कॉफी में चीनी की अधिक मात्रा होती है, ऐसे में मधुमेह के मरीजों को फ्लेवर्ड कॉफी के सेवन से बचना चाहिए।

फ्रूट जूस: फ्रूट्स खाना यूं तो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। लेकिन फ्रूट जूस में फाइबर की मात्रा कम हो जाती है। वहीं पैक्ड जूस में फ्रुक्टोज अच्छी मात्रा में होता है, जिसके कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।