आज के समय में खराब खानपान और जीवन-शैली के कारण लोग कई तरह की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। उनमें से ही एक बीमारी है फैटी लिवर की। लिवर शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करने और खाना पचाने में मदद करता है। हालांकि, जब शरीर के इस सबसे बड़े अंग पर अधिक मात्रा में वसा जमा हो जाता है, तो लोग फैटी लिवर की इस बीमारी से ग्रस्त हो जाते हैं।

फैटी लिवर होने के कारण: ज्यादा शराब का सेवन करने से फैटी लिवर की समस्या हो सकती है, जिसे एल्कोहोलिक फैटी लिवर कहा जाता है। इसके अलावा अधिक फैटी वाली चीजें, ज्यादा समय तक खाली पेट रहने, अनियमित खान-पान या फिर कोई फिजिकल एक्टिविटी ना करने से भी फैटी लिवर की यह समस्या हो सकती है। बता दें, मोटापा इस बीमारी का एक प्रमुख कारण है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो जो लोग डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित हैं, उनका ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित रहता है। उन लोगों में फैटी लिवर की बीमारी होना का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसके अलावा शरीर में कोलेस्ट्रॉल और हैपेटाइटिस-सी की मात्रा अधिक होने के कारण भी लिवर फैटी हो जाता है।

एक शोध में यह बात सामने आई है कि हर दिन जांच कराने वालों में करीब 70 प्रतिशत लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं। ऐसे में आप अपनी जीवन-शैली में बदलाव करके फैटी लिवर की इस समस्या से निजात पा सकते हैं।

फैटी लिवर की समस्या से बचने के उपाय: जो लोग ज्यादा व्रत रखते हैं या फिर ज्यादा देर तक भूखे रहते हैं, उन्हें फैटी लिवर की समस्या हो सकती है। ऐसे में आप दिनभर में एक या दो बार की जगह 3 से 4 बार थोड़ा-थोड़ा खाना जरूर खाएं। इसके अलावा रोजाना 40 मिनट तक तेज-तेज टहलें। यह लिवर पर जमे फैट को कम करता है।

 

फैटी लिवर की समस्या से ग्रसित मरीजों को रिफाइंड कार्ब्स के सेवन से भी परहेज करना चाहिए। साथ ही खूब पानी पीना चाहिए। फैटी लिवर के मरीजों को ज्यादा -से-ज्यादा फलों के रस का सेवन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा आप छाछ, नारियल पानी, ग्रीन टी या फिर कॉफी का सेवन कर सकते हैं।