हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी क्रॉनिक बीमारी है जिसके लिए खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल जिम्मेदार है। इस बीमारी के लिए तनाव भी बेहद जिम्मेदार है। इस बीमारी को अगर कंट्रोल नहीं किया जाए तो दिल के रोग, हार्ट फेल्योर और स्ट्रोक जैसी क्रॉनिक बीमारियां हो सकती हैं। हाई ब्लड प्रेशर और यूरिक एसिड का एक दूसरे से नाता है। हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को गाउट का खतरा अधिक रहता है ये बात की रिसर्च में भी साबित हो चुकी है।  

यूएस नेशनल हेल्थ एंड न्यूट्रिशन एग्जामिनेशन सर्वे (2007-8) के मुताबिक गठिया के 74% रोगियों को हाई ब्लड प्रेशर होता है। गाउट की परेशानी मरीज में हाई ब्लड प्रेशर की वजह से किडनी में होने वाले बदलाव की वजह से होती है। अध्ययनों से पता चला है कि हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी गाउट के जोखिम से जुड़ी हुई है। रिसर्च के मुताबिक हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं भी यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा देती हैं और गाउट का खतरा बढ़ाती हैं।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट और योग गुरु बाबा रामदेव के मुताबिक अगर आपका बीपी हाई रहता है और यूरिक एसिड भी बढ़ रहा है तो आप दवा से ज्यादा आयुर्वेदिक नुस्खों को अपनाएं। ये नुस्खे ब्लड प्रेशर को नॉर्मल करेंगे साथ ही यूरिक एसिड भी कम करेंगे। आइए जानते हैं कि आयुर्वेदिक तरीके से कैसे बीपी और यूरिक एसिड को नॉर्मल कर सकते हैं।

लौकी के जूस का करें सेवन

अगर आपका यूरिक एसिड हाई रहता है तो आप रोजाना लौकी के जूस का सेवन करें। लौकी में विटामिन बी, विटामिन सी और आयरन मौजूद होता है जो बॉडी को एनर्जी देता है। लौकी का जूस खून में मौजूद प्यूरीन के क्रिस्टल को तोड़ता है और उसे यूरिन के जरिए बॉडी से बाहर निकालता है।

मण्डूकासन करें बीपी और यूरिक एसिड रहेगा कंट्रोल

अगर आपका बीपी हाई रहता है और यूरिक एसिड भी बढ़ गया है तो आप रोजाना मण्डूकासन करें। इस आसन को करने के लिए घुटनों के बल बैठ जाए और अपने सिर को आगे की तरफ ले जाएं। अब गर्दन और सिर को धीरे धीरे उठाएं और नजर सामने रखें। बाबा रामदेव ने बताया इस आसन को करते वक्त नाभि पर बल डालें। इस पोजिशन में आप धीरे-धीरे सांस लें और भिर छोड़ें। इस योग की मदद से आप बीपी और यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकते हैं। ये आसन डायबिटीज मरीजों को भी लाभ पहुंचाएगा।

पवनमुक्तासन करें

अगर आपका यूरिक एसिड हाई रहता है तो आप रोजाना पवनमुक्तासन करें। इस योग को करने से जोड़ों का दर्द और सूजन कंट्रोल रहेगी। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में ये आसन बेहद असरदार साबित होता है।

दालचीनी से करें बीपी कंट्रोल

दालचीनी का सेवन करने से बीपी कंट्रोल रहता है। ये मसाला सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों तरह के बीपी को कंट्रोल करता है। इसका सेवन करने से जोड़ों के दर्द और नसों के दर्द का भी इलाज होता है। ये आपकी नसें को रिलैक्स करता है और दर्द से राहत दिलाता है।

मूली का करें सेवन बीपी और यूरिक एसिड रहेगा नॉर्मल

जिन लोगों का यूरिक एसिड हाई है और बीपी भी ज्यादा रहता है ऐसे लोग डाइट में मूली का सेवन करें। मूली का सेवन करने से बीपी नॉर्मल रहेगा और यूरिक एसिड भी कंट्रोल रहेगा। मूली में मौजूद पोटैशियम ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है । मूली गठिया और गाउट के मरीजों के लिए रामबाण इलाज है। इसका सेवन करने से आसानी से यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल किया जा सकता है।