स्लिप डिस्क (Slip Disc) हमारी रीढ़ की हड्डी (spinal cord) के बीच में मौजूद मुलायम संरचना (soft texture) होती है जिसके कारण रीढ़ की हड्डी आराम से काम कर पाती है। ये डिस्क रीढ़ की हड्डियों के बीच में मौजूद गैप को बनाकर रखती है। कई बार भारी सामान उठाने से या फिर गिरने की वजह से चोट लगने से रीढ़ की हड्डियों के चारों तरफ मौजूद मांसपेशियां कमजोर (muscle weakness) होने लगती है और डिस्क अपनी जगह से हटकर बाहर निकल जाती है। डिस्क के आस-पास मौजूद नसों पर दबाव पड़ने को ही स्लिप डिस्क कहते हैं।

स्लिप डिस्क की परेशानी लम्बे समय तक एक ही पॉश्चर में बैठने से, लेटकर या झुक कर काम करने से,बॉडी एक्टिविटी में कमी आने से,ज्यादा काम करने से, लम्बे समय तक गाड़ी ड्राइव करने से होती है। महिलाओं में ये परेशानी प्रेग्नेंसी के बाद हो सकती है। स्लिप डिस्क की परेशानी होने पर उठना-बैठना दूभर हो जाता है। अक्सर लोग इस परेशानी को कमर दर्द का नाम देते हैं और कई तरह के पेन किलर खाकर इसका उपचार करने की कोशिश करते हैं।

आप जानते हैं कि स्लिप डिस्क की परेशानी में दवाई से ज्यादा फिजियोथेरेपी असरदार होती है। अब सवाल ये उठता है कि स्लिप डिस्क की पहचान कैसे करें ताकि उसका सही और सटीक उपचार किया जा सके। स्पाइन सर्जन डॉक्टर हितेष गर्ग के मुताबिक स्लिप डिस्क होने पर उसके लक्षण कमर और पैरों में दिखने लगते हैं। आइए जानते हैं ऐसे कौन से 5 लक्षण हैं जो स्लिप डिस्क होने पर कमर से पैरों तक में दिखते हैं।

कमर में भयानक दर्द होना

स्लिप डिस्क होने पर कमर में भयानक दर्द होता है और कमर की सारी मांसपेशियां जकड़ने लगती है। कमर में दर्द होने से खड़ा तक होना दूभर होता है।

घुटने, थाई और कमर के पिछले हिस्से में दर्द होना:

स्लिप डिस्क होने की वजह से घुटनों में, कमर के पिछले हिस्से यानि हिप्स और जांधों में तेज दर्द होने की शिकायत हो सकती है। ये दर्द हिप्स से लेकर एड़ी तक में जा सकता है। दर्द का स्तर स्लिप डिस्क की इंजरी पर निर्भर करता है। ज्यादातर मामलों में ये दर्द एक टांग में होता है लेकिन कई मामलों में दोनों पैरों में भी दर्द हो सकता है।

पेशाब और स्टूल पास करने में हो सकती है दिक्कत:

रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में पेशान और स्टूल कंट्रोल करने वाली नसें भी सेंटर में होती है। अगर स्लिप डिस्क की वजह से इन नसों पर दबाव पड़ता है तो पेशाब और स्टूल पास करने में परेशानी होती है। इस परेशानी में पेशाब ज्यादा आने लगता है और कब्ज की शिकायत होने लगती है।

जलन और झनझनाहट होना:

स्लिप डिस्क होने पर डिस्क के हिस्सों में झनझनाहट और जलन महसूस होती है। इस हिस्से की मांसपेशियों में कमजोरी होने लगती है।

रात में अचानक दर्द का बढ़ना:

स्लिप डिस्क की परेशानी होने पर रात में दर्द अचानक से ज्यादा होने लगता है। अगर आराम किया जाए तो इस दर्द से राहत मिलती है।