कोलेस्ट्रॉल एक ऐसी समस्या है, जो तेजी से लोगों में बढ़ रही है। खराब डाइट और बिगड़ती लाइफस्टाइल इसकी मुख्य वजह हैं और यही कारण है कि यह बीमारी आज के समय में युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही है। हालांकि, कोलेस्ट्रॉल शरीर के सुचारू कामकाज के लिए जरूरी है, लेकिन इसकी मात्रा बढ़ने पर यह दिल और धमनियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
दरअसल, खराब कोलेस्ट्रॉल एक चिपचिपा पदार्थ है, जो नसों में जमकर आर्टरी ब्लॉकेज का कारण बनता है। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है। एक गुड कोलेस्ट्रॉल जिसे HDL कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। दूसरा खराब कोलेस्ट्रॉल जिसे LDL कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। गुड कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए जितना फायदेमंद है उतना ही खराब कोलेस्ट्रॉल सेहत के लिए हानिकारक है। ये कोलेस्ट्रॉल साइलेंट किलर है जो सीधे दिल पर वार करता है। इसे कंट्रोल करने के लिए लंबे समय तक दवाइयों का सेवन करने के साथ-साथ डाइट और लाइफस्टाइल में सुधार करना बेहद जरूरी है।
अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, दिल्ली के सीनियर कंसल्टेंट कार्डियोलॉजी डॉ. गौतम नीलोबा नाइक के मुताबिक, अत्यधिक खराब कोलेस्ट्रॉल धमनियों को जाम कर देता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। दवा ही नहीं, बल्कि छोटे-छोटे लाइफस्टाइल बदलाव भी कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल और दिल की सेहत के लिए बहुत कारगर होते हैं।
ओमेगा-3 से भरपूर फूड्स का सेवन
ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स जैसे फ्लैक्स सीड्स, मछली, अखरोट और दालें ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने और गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके साथ ही ओट्स, बीन्स, मसूर, सेब और अलसी के बीज जैसे फाइबर युक्त आहार पाचन तंत्र में कोलेस्ट्रॉल को बांधकर बाहर निकालने में मदद करते हैं। नियमित 150 मिनट ब्रिस्क वॉक या मॉडरेट एक्सरसाइज भी कोलेस्ट्रॉल लेवल को बैलेंस करती है।
फिजिकल एक्टिविटी
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के लिए फिजिकली एक्टिव रहना बेहद जरूरी है। ऐसे में ऑफिस में छोटे-छोटे वॉक ब्रेक लें। लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें। रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करने से कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ-साथ सेहत को भी कई फायदे मिलते हैं। इसके अलावा धूम्रपान करने से HDL लेवल कम होता है और रक्त वाहिकाएं भी डैमेज होती हैं। इसलिए स्मोकिंग छोड़ना और अल्कोहल को लिमिट करना दिल की सेहत के लिए जरूरी है।
हेल्दी वजन बनाए रखें
डॉ. नाइक के अनुसार, अगर आप अपना 5–10% वजन भी घटा लेते हैं, तो इससे LDL और ट्राइग्लिसराइड्स दोनों कम हो सकते हैं। साथ ही, मोटापा और नींद की गड़बड़ी मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करती है और कोलेस्ट्रॉल असंतुलन का कारण बनती है। इसलिए संतुलित आहार, एक्सरसाइज और नींद का सही पैटर्न जरूरी है।
पर्याप्त नींद
अच्छी नींद न सिर्फ तनाव को कम करती है, बल्कि वजन और कोलेस्ट्रॉल दोनों को बैलेंस करने में मदद करती है। हर दिन तय समय पर सोएं और उठें। सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करें। कैफीन और हैवी मील से बचें। पर्याप्त नींद लेने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के साथ सेहत को भी कई फायदे मिलेंगे।
हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
कोलेस्ट्रॉल मैनेजमेंट के लिए दवाइयों से ज्यादा असरदार हेल्दी लाइफस्टाइल है। इसके लिए संतुलित डाइट लें, रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्टिव रहें, धूम्रपान और तंबाकू से दूर रहें, अल्कोहल का सेवन सीमित करें। इसके साथ ही नियमित हेल्थ चेकअप करवाते रहें।
वहीं, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने टॉप 10 गट-फ्रेंडली स्नैक्स शेयर किए हैं। उन्होंने बताया कि ये हेल्दी स्नैक्स पेट को हल्का रखते हैं, डाइजेशन को सपोर्ट करते हैं और एनर्जी लेवल को स्टेबल बनाए रखते हैं।