आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हेल्दी और फिट रहना बहुत ही चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन कामकाज के चलते खराब खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी हो जाती है। हालांकि, आजकल फिटनेस वॉक्स की चर्चा हर जगह है। आज के लाइफस्टाइल में वॉकिंग को सबसे आसान और असरदार एक्सरसाइज माना गया है। यह न केवल वजन कंट्रोल करने में मदद करती है, बल्कि दिल, हड्डियों और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है, लेकिन अक्सर लोग वॉक करते समय कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जो फायदा पहुंचाने के बजाय शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं।

फिटनेस विशेषज्ञ डॉ. वजल्ला श्रावणी के मुताबिक, वॉकिंग करना शरीर के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभकारी होता है। फिटनेस एक्सपर्ट के मुताबिक, वॉकिंग करते समय भी कुछ चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए। गलत चाल, गलत जूते, हाइड्रेशन की कमी या ओवरस्ट्राइडिंग जैसी आदतें लंबे समय में जोड़ों की समस्या, मांसपेशियों में खिंचाव और स्पाइन संबंधी बीमारियों का कारण बन सकती हैं।

खराब चाल और पोस्चर  

वॉकिंग सिर्फ पैरों की एक्सरसाइज नहीं है। इसमें पूरा शरीर संतुलन बनाए रखता है, लेकिन अगर चलते वक्त फोन पर नजरें गड़ाए रहते हैं या सिर झुकाकर चलते हैं, तो गर्दन और स्पाइन पर अनावश्यक दबाव पड़ता है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी बताती है कि खराब पोस्चर न केवल शारीरिक समस्याएं पैदा करता है, बल्कि मूड और नींद पर भी बुरा असर डाल सकता है। ऐसे में हमेशा सिर सीधा और रीढ़ की हड्डी सीधी रखकर चलें।

गलत जूते पहनना

वॉकिंग के दौरान सही फुटवियर बेहद जरूरी है। गलत जूते पहनने से पैरों में दर्द, रीढ़ की समस्या और लंबे समय में बॉडी डिफॉर्मिटी तक हो सकती है। स्टडीज के मुताबिक, सही जूते पहनने से इंफ्लेमेशन और टेंडन की सूजन जैसी समस्याओं से बचाव होता है। ऐसे में जूते खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है। सॉफ्ट इनर कुशनिंग हो, ताकि पैरों पर पड़ने वाला दबाव कम हो। हील का पूरा कवरेज हो, ताकि चलते समय पैर फिसले नहीं। टोज को पर्याप्त जगह मिले, जिससे पैरों में लचीलापन बना रहे।

हाइड्रेशन की कमी से चक्कर और थकान

शरीर को एक्टिव रखने के लिए पर्याप्त पानी जरूरी है। वॉकिंग के दौरान पसीने के रूप में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स बाहर निकलते हैं। अगर, पानी की कमी हो जाए तो चक्कर, थकान और सिरदर्द होने लगता है। लंबे समय तक डिहाइड्रेशन से हीट स्ट्रोक और इम्यून सिस्टम कमजोर होने का खतरा बढ़ता है। वॉकिंग करने से पहले, दौरान और बाद में पानी पीना न भूलें। इसके अलावा गर्मी और उमस के मौसम में पानी की मात्रा और बढ़ा दें।

वॉक से पहले करें वार्म-अप

नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS), UK के अनुसार, वॉकिंग शुरू करने से पहले कम से कम 3 मिनट का वार्म-अप जरूरी है। यह मांसपेशियों को तैयार करता है और इंजरी के रिस्क को घटाता है। वार्म-अप से शरीर लचीला होता है और वॉकिंग ज्यादा प्रभावी और सुरक्षित बनती है।

ओवरस्ट्राइडिंग

कई लोग वॉकिंग के दौरान ज्यादा दूरी कवर करने के लिए लंबे-लंबे कदम उठाते हैं, जिसे ओवरस्ट्राइडिंग कहते हैं। इससे जोड़ों और मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। लगातार ओवरस्ट्राइडिंग से घुटनों और एंकल इंजरी का खतरा बढ़ सकता है।

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