महिलाएं घर-परिवार का ध्यान रखने में इतना व्यस्त रहती हैं कि वह अपनी सेहत का ख्याल रखना भी भूल जाती है। आमतौर पर महिलाएं घर और ऑफिस के कामकाज व्यस्तता और कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझती रहती हैं। 50 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। खासकर मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति के बाद हार्मोनल बदलाव, इम्यूनिटी, हड्डियों, दिल और पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं। इस दौर में महिलाएं थकान, हड्डियों में दर्द, हार्ट डिजीज और पाचन संबंधी दिक्कतों का अधिक सामना करती हैं। ऐसे में डाइट में छोटे-छोटे बदलाव करके स्वास्थ्य को लंबे समय तक बेहतर बनाए रखा जा सकता है।
यूके-ट्रेंड न्यूट्रिशनिस्ट और नेशनल डायबिटीज एजुकेटर दीपशिखा जैन के मुताबिक, बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं को अपनी सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए। एक्सपर्ट ने 50 के बाद महिलाओं के लिए 5 जरूरी सुपरफूड बताए हैं। जिनके सेवन से इम्यूनिटी मजबूत होती है, हार्मोनल बैलेंस रहते हैं और स्वास्थ्य में सुधार होता है। दीपशिखा जैन के अनुसार, कलौंजी, चुकंदर, अलसी, डार्क चॉकलेट और चिया सीड्स को डाइट में शामिल करके महिलाएं अपने हार्मोन बैलेंस, दिल और गट हेल्थ को बेहतर बना सकती हैं।
कलौंजी
दीपशिखा के अनुसार, कलौंजी महिलाओं के लिए किसी दवा से कम नहीं है। यह शरीर में होने वाली सूजन को कम करता है और इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है। 50 साल के बाद महिलाओं में आर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द की समस्या आम हो जाती है। कलौंजी इसके रिस्क को कम करने में मदद करती है। साथ ही यह मेनोपॉज के लक्षण जैसे हॉट फ्लैशेज, मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन को भी कम करने में सहायक है। महिलाओं को सुबह गुनगुने पानी के साथ आधा चम्मच कलौंजी या सब्जियों में तड़के के रूप में इसका सेवन करना चाहिए।
चुकंदर
चुकंदर खाने से महिलाओं का ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है और दिल की सेहत सुधरती है। इसमें मौजूद नाइट्रेट्स ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करते हैं और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनाते हैं। रोजाना चुकंदर खाने से हार्ट डिजीज का रिस्क कम होता है। यह खून में आयरन की कमी को पूरा करता है और एनीमिया से भी बचाव करता है। इसे सलाद, जूस या हल्की उबालकर खा सकती हैं।
अलसी के बीज
अलसी के बीज महिलाओं के लिए एक सुपरफूड है, क्योंकि इसमें फाइटोएस्ट्रोजन पाया जाता है। यह हार्मोन को बैलेंस करता है और मेनोपॉज के बाद होने वाले बदलावों को संभालने में मदद करता है। नियमित सेवन से हार्मोनल असंतुलन के कारण होने वाली समस्याएं कम होती हैं। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल और दिमाग की सेहत के लिए भी फायदेमंद हैं। एक चम्मच पिसी हुई अलसी दही, स्मूदी या सलाद में मिलाकर खा सकती हैं।
डार्क चॉकलेट
कई महिलाएं 50 के बाद थकान और मूड स्विंग्स का अनुभव करती हैं। डार्क चॉकलेट इसमें काफी मददगार है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम मूड को बेहतर बनाता है और स्ट्रेस को कम करता है। यह ब्लड शुगर मैनेजमेंट और कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करती है। एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होने के कारण यह दिल और त्वचा दोनों के लिए फायदेमंद है। दिन में एक छोटा टुकड़ा डार्क चॉकलेट खाएं।
चिया सीड्स
पाचन और गट हेल्थ को दुरुस्त रखने के लिए चिया सीड्स बहुत ही लाभकारी हो सकते हैं। 50 की उम्र के बाद महिलाओं को अक्सर कब्ज और पाचन संबंधी समस्याएं परेशान करती हैं। ऐसे में चिया सीड्स बहुत फायदेमंद हैं। इसमें मौजूद फाइबर कब्ज से राहत दिलाता है और आंतों की सेहत सुधारता है। यह शरीर को लंबे समय तक एनर्जेटिक रखता है और वजन कंट्रोल करने में भी मदद करता है। एक गिलास पानी या दूध में एक चम्मच चिया सीड्स भिगोकर सुबह सेवन करें।
वहीं, एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ. बिमल झाजर ने बताया अगर आपका कोलेस्ट्रॉल हाई है तो आप एनिमल फूड्स का सेवन करने से परहेज करें।