तनाव जिंदगी का साथी बन गया है। घर से लेकर बाहर तक हर जगह तनाव ही तनाव रहता है। तनाव मानों जैसे हमारी शैडो बन गया है। किसी को काम का तनाव है तो किसी को परिवार और पैसे की तंगी का तनाव है। बच्चा भी आजकल तनाव से ग्रस्त है। उसे भी पढ़ाई-लिखाई और भविष्य की चिंता हर दम सताती रहती है। ये तनाव हमें कमजोर बना रहा है। हमारी क्वालिटी, काम करने की क्षमता और हमारे कॉन्फिडेंस को कम कर रहा है। लम्बे समय तक अगर इस तनाव की गिरफ्त में रहें तो कई तरह की बीमारियों जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम और भी कई बीमारियों का खतरा हमारे सिर पर मंडराने लगता है।

अगर जिंदगी में सुकून चाहते हैं, तरक्की चाहते हैं तो तनाव का लोड कम कीजिए। तनाव कोई समान नहीं है जिसे हम जब चाहें अपने कांधे से उतार कर अपने से अलग कर दें। तनाव को दूर करने के लिए दिमाग का लोड कम करना होगा।

हेल्थलाइन के मुताबिक तनाव को कम करने के लिए एक खास थेरेपी है जिसका इस्तेमाल करके हम आसानी से खुद को नॉर्मल कर सकते हैं। टॉक थेरेपी, एक ऐसी थेरेपी है जिसे मनोचिकित्सा के रूप में भी जाना जाता है। इस थेरेपी का इस्तेमाल मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल अपने रोगियों के साथ करके उनको ठीक करते हैं। टॉक थेरेपी का इस्तेमाल इमोशनल स्ट्रेस पैदा करने वाले मुद्दों की पहचान करने में मदद करना है।

अगर आप ब्रेक-अप के दर्द से जूझ रहे हैं, किसी बीमारी की वजह से परेशान है, तनाव हर वक्त महसूस करते हैं, उदास रहते हैं और एंग्जाइटी आप पर हावी है तो आप इस थेरेपी का इस्तेमाल कर सकते हैं। टॉक थेरेपी का इस्तेमाल आपको नॉर्मल करने में मदद करता है। आइए जानते हैं कि ये थेरेपी कैसे असर करती है और इससे कैसे तनाव को दूर किया जा सकता है।

टॉक थेरेपी कैसे तनाव का इलाज करती है

  • टॉक थेरेपी एक ऐसी दवा है जो आपको परेशानी से निपटने के नए और उपयोगी तरीके बताती है। अक्सर लोग साथी से ब्रेकअप के बाद तनाव में आ जाते हैं और अकेले पड़ जाते हैं।
  • टॉक थेरेपी अलगाव के बाद होने वाली एंग्जायटी, डिप्रेशन, ट्रामा और अन्य मानसिक स्वास्थ्य-संबंधी लक्षणों, स्थितियों और समस्याओं से बाहर आने में मदद कर सकती है।
  • मनोचिकित्सा आपको किसी ऐसे व्यक्ति से बात करने का मौका देते हैं जो आपके मानसिक हेल्थ इश्यूज के बारे में भरोसेमंद और निष्पक्ष है।
  • टॉक थेरेपी का इस्तेमाल आपकी जिंदगी पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
  • इस थेरेपी का इस्तेमाल करने से तनाव का मानसिक स्वास्थ्य पर लम्बे समय तक प्रभाव नहीं पड़ता।

टॉक थेरेपी से दिल की सेहत भी रहती है दुरुस्त

साथी से अलगाव या किसी और परेशानी की वजह से आप पर तनाव हावी है तो आप टॉक थेरेपी अपनाएं।  तनाव आपको दिल का रोगी भी बना सकता है। टॉक थेरेपी अपनाकर आप तनाव को कम कर सकते हैं और दिल को हेल्दी रख सकते हैं। मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेप आपके दिल की सेहत को दुरुस्त रख सकती है। कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेप इंसान के दिमाग को सुकून पहुंचाती है। इस थेरेपी के जरिए आत्मविश्वास बढ़ता है और अवसाद से राहत मिलती है। रिसर्च के मुताबिक दिल के रोगों से बचाव करने में मनोचिकित्सात्मक हस्तक्षेप बहुत मदद कर सकता है। आप दिल के रोगों से बचना चाहते हैं तो अपने दोस्तों, साथियों जिन्हें आप काबिल समझते हैं उनसे बातचीत करें और अपने तनाव को कम करें।