हर्निया एक आम समस्या है जो किसी को भी हो सकती है। इस बीमारी में आंत के ऊपर एक झिल्ली होती है जो कमजोर हो जाती है। इस झिल्ली के फटने को ही हर्निया कहा जाता है। अगर हर्निया प्रारम्भिक अवस्था में है तो इसे योगासन के जरिए ठीक किया जा सकता है। इस बीमारी में पेट की मांसपेशिया कमजोर हो जाती हैं और उनके अंदर से आंतें बाहर आने लगती है। हर्निया की बीमारी में खड़े होना, खांसने तक में परेशानी होती है। इस बीमारी में लेटने पर आराम मिलता है।
हर्निया एक ऐसी बीमारी है जिसमें पेट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती है और पेट के अंदर से आंते बाहर आने लगती है। मांसपेशियां आमतौर पर शरीर के अंगों को अपनी जगह पर बनाये रखने के लिए काफी मजबूत होती हैं, लेकिन उनमें कमजोरी हर्निया होने का कारण बन सकती है।
अगर इस बीमारी के लक्षणों को शुरूआत में ही पहचान लिया जाए तो उसका उपचार किया जा सकता है। बीमारी बढ़ने पर इसका उपचार सर्जरी से ही होता है। आइए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण कौन से हैं और उनका उपचार कैसे करें।
हर्निया के लक्षण कौन से हैं: Symptoms of Hernia
- हर्निया के लक्षण
- पेट दर्द
- जी मिचलाना
- उल्टी
- पेट में भारीपन
- चक्कर और उल्टी आना
- कब्ज की शिकायत होना
- एसिडिटी
- खट्टी डकार
- अपच
- स्ट्रेस और एंग्जाइटी
पादहस्तासन से करें हर्निया का उपचार:
पादहस्तासन 15-30 मिनट तक करने से इस बीमारी के लक्षणों को कम किया जा सकता है। इस आसन को करने से गर्दन से लेकर पीठ के निचले हिस्से, बीच में ऊपरी हिस्से पर प्रभाव पड़ता है। इस आसन के दौरान शरीर की मांसपेशियां फैल जाती हैं। इस आसन को करने से पेट की सुगठित मांसपेशियां फैट सेल्स को बाहर निकलने से रोकती हैं। योग का ये आसन शरीर में हुए किसी भी किस्म के हर्निया के उपचार में कारगर है।
विपरीत करणी योगासन कीजिए
ये योगासन शरीर को हुए नुकसान की भरपाई करता है। ये योगासन तनाव को कम करता है, ब्लड प्रेशर और शुगर को कंट्रोल करता है। इसे करने से एनर्जी बूस्ट होती है और दर्द से निजात मिलती है। ये आसन पेट को सपोर्ट करता है इसे नियामित रूप से दोहराने से पेट की मांसपेशियां मजबूत होती है। ये आसन बैली के आस-पास के हिस्से में होने वाले हर्निया के दर्द को दूर करने में असरदार है।
