Swine Flu In India: भारत में स्वाइन फ्लू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। दिसंबर 2024 तक स्वाइन फ्लू के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, स्वाइन फ्लू के अब तक 20 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं, जो तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके अलावा स्वाइन फ्लू से अब करीब 347 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।  

रिपोर्ट से अनुसार, भारत में स्वाइन फ्लू (H1N1) के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, अलग-अलग इलाकों में हजारों संक्रमण रिपोर्ट किए जा रहे हैं। सरकारी आंकड़ों की माने तो दिसंबर 2024 तक इस बीमारी ने 20,414 से ज्यादा लोगों को संक्रमित किया था और उनमें से 347 की मौत हो गई थी। स्वाइन फ्लू से दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और राजस्थान जैसे राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।

दिल्ली में स्वाइन फ्लू के बढ़े मामले

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले 24 घंटों में स्वाइन फ्लू वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली के 54% घरों में कम से कम एक सदस्य में स्वाइन फ्लू (H5N1) के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, जिसमें बुखार, गले में खराश, खांसी, सिरदर्द, पेट की समस्या, जोड़ों में दर्द और सांस संबंधी समस्याएं शामिल हैं।

स्वाइन फ्लू (H1N1) क्या है?

स्वाइन फ्लू, जिसे इन्फ्लूएंजा ए (H1N1) भी कहा जाता है। ये H1N1 वायरस के कारण होने वाला श्वसन संक्रमण है। मूल रूप से सूअरों में पाया जाने वाला यह वायरस विकसित हुआ और अब मनुष्यों को भी संक्रमित कर रहा है। स्वाइन फ्लू के लक्षण मौसमी फ्लू जैसे ही होते हैं, जिसमें बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, ठंड लगना और थकान आदि शामिल है। अगर, स्वाइन फ्लू गंभीर स्थितियों में पहुंच जाए तो यह निमोनिया और अन्य श्वसन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।

भारत में स्वाइन फ्लू के मामलों में तेजी क्यों?

भारत में इन्फ्लूएंजा संक्रमण आम तौर पर जनवरी और मार्च के बीच चरम पर होता है, उसके बाद अगस्त और अक्टूबर में ये वायरस फैलता है। वर्तमान में प्रचलन में सबसे आम वायरस इन्फ्लूएंजा ए (H1N1) और इसका उपप्रकार H3N2 है। हालांकि, भारत में इस वायरस के तेजी से फैलने के कई कारण हो सकते हैं।

मौसमी पैटर्न- मानसून और सर्दियों के महीने वायरस के बढ़ने और फैलने के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा करते हैं।
यात्रा और मेलजोल में वृद्धि- महामारी के बाद सामाजिक मेलजोल और यात्रा में वृद्धि हुई है, जिससे वायरस का संचरण अधिक आसानी से हो गया है। इसके अलावा बदलते मौसम, कोविड-19 समस्याओं और तनाव-संबंधी स्वास्थ्य कठिनाइयों के चलते कई लोगों की इम्यूनिटी भी कमजोर हो गई है।

स्वाइन फ्लू कैसे फैलता है?

  • स्वाइन फ्लू सामान्य फ्लू वायरस की तरह ही फैलता है।
  • व्यक्ति-से-व्यक्ति संपर्क- संक्रमित व्यक्ति की खांसने, छींकने या बोलने से निकली बूंदें वायरस को फैला सकती हैं।
  • संक्रमित सतहों को छूना- वायरस रेलिंग, मेज और दरवाजे के हैंडल जैसी सतहों पर घंटों तक जीवित रह सकता है, जिससे संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।

स्वाइन फ्लू से कैसे बचाव करें?

  • बार-बार हाथ धोना- साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएं। अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइजर भी असरदार हो सकते हैं।
  • मास्क पहनें- भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनने से संक्रमित बूंदों को अंदर जाने से रोकने में मदद मिलती है।
  • इम्यूनिटी बूस्ट रखें- प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए संतुलित आहार लें, नियमित व्यायाम करें और पर्याप्त नींद लें।
  • संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क से बचें- आपके आस-पास किसी व्यक्ति में फ्लू जैसे लक्षण दिख रहे हों, तो उससे सुरक्षित दूरी बनाए रखें।