बदलते मौसम में कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में खानपान से लेकर लाइफस्टाइल का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है। लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 में सिर्फ दिल्ली-NCR में ही ‘69% घरों’ में कम से कम एक मेंबर फ्लू, सर्दी या बुखार से पीड़ित पाया गया। इसके अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में बदलते मौसम का प्रभाव पड़ा है। हालांकि, बदलते मौसम में सेहत बनाए रखना कोई जादू नहीं है, बल्कि थोड़े से ध्यान, संयम और प्राकृतिक उपायों का संगम है। आयुर्वेद एक्सपर्ट एवं योग गुरु बाबा रामदेव ने बदलते मौसम में हेल्दी और फिट रहने के लिए उपाय बताए हैं।
बाबा रामदेव के मुताबिक, बदलते मौसम में सर्दी, जुकाम, एलर्जी और कमजोरी जैसे स्वास्थ्य संकट खड़े हो जाते हैं। योग गुरु बाबा रामदेव ने वर्षों से जनता को यह सिखाया है कि कैसे प्राकृतिक तरीकों और आयुर्वेदिक-योग उपायों से इन मौसमी चुनौतियों को मात दी जाए।
बाबा रामदेव का फॉर्मूला
बदलते मौसम में स्वास्थ्य बचाने के लिए प्राणायाम-योगासन से प्रतिरक्षा बढ़ाएं। रोजाना अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भस्त्रिका और भ्रामरी प्राणायाम रोज सुबह करें। ये फुफ्फुसों को साफ करते हैं, श्वसन तंत्र को मजबूत बनाते हैं। योगासन जैसे कि भुजंगासन, वक्रासन, ताड़ासन आदि को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। इन्हें नियमित रूप से करने पर इम्यूनिटी बूस्ट होती है। शरीर को बीमारियों और वायरल संक्रमण से बचाने के लिए इम्यूनिटी का सबसे अहम रोल होता है। इम्यूनिटी अच्छी होने से बीमारियों का खतरा कम होता है।
हर्बल-आयुर्वेदिक चूर्ण और ड्रिंक
बदलते मौसम में अदरक, तुलसी, गुड़वेली (मुल्लथी) जैसी जड़ी-बूटियां गर्म पानी में मिलाकर दिन में दो बार पिएं। इसके अलावा हल्दी-लहसुन वाला दूध रात को सोने से पहले लेने पर बीमारियों से बचाव होता है। इससे इम्यूनिटी बूस्ट होगी।
खानपान का ध्यान रखें
सर्दियों के मौसम में अक्सर लोग खानपान का ध्यान नहीं देते, जिससे कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। बदलते मौसम में ताजे फल, हरी सब्जियां, हल्की दाल, उबला अनाज आदि का सेवन करना चाहिए। ये सब प्रतिरक्षा को साधारण तरीके से सपोर्ट करते हैं। इसके साथ ही अधिक ठंडा, तला-भुना, या जंक फूड से दूरी रखें।
किन बातों का रखें ध्यान
- बाहर निकलते समय मास्क पहनें और आंखें-मुछों को अच्छी तरह ढकें।
- घर पर नियमित रूप से फर्श व सतहों की सफाई करें ताकि धूल और पराग न जम सकें।
- पर्याप्त पानी पिएं ताकि श्लेष्मा पतला रहे और संक्रामक तत्व जल्दी बाहर निकल जाएं।
वहीं, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने टॉप 10 गट-फ्रेंडली स्नैक्स शेयर किए हैं। उन्होंने बताया कि ये हेल्दी स्नैक्स पेट को हल्का रखते हैं, डाइजेशन को सपोर्ट करते हैं और एनर्जी लेवल को स्टेबल बनाए रखते हैं।