रात को सोते समय पैरों का सुन्न होना, पैरों में जलन या झनझनाना सिर्फ उम्र का असर नहीं है इसके लिए कई मेडिकल कंडीशन जिम्मेदार हो सकती हैं। AIIMS की रिसर्च के अनुसार 60 साल के बाद नसें और तंत्रिकाएं कमजोर होने लगती हैं और खून का बहाव धीमा पड़ जाता है इसलिए पैरों में ये परेशानी हो सकती है। लेकिन कम उम्र में पैरों का सुन्न होना,पैरों में झनझनाहट होना , सुन्नपन और बार-बार नींद टूटने के लिए कुछ मेडिकल कंडीशन जिम्मेदार हो सकती हैं। हार्वर्ड हेल्थ के मुताबिक इस स्थिति को नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है।

पैरों में सुन्नपन, झनझनाहट और नींद टूटने की परेशानी के लिए कुछ मेडिकल कंडीशन जिम्मेदार हो सकती हैं जैसे पेरीफेरल न्यूरोपैथी, डायबिटीज़, विटामिन B12 की कमी जिम्मेदार हो सकती है। वैज्ञानिक मानते हैं कि इसे रोकने का आसान तरीका है सोने से पहले सिर्फ एक मिनट की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करना। NIA के अनुसार हल्की स्ट्रेचिंग पैरों की नसों में जमे खून को खोल देती है, जिससे खून का बहाव तेज़ हो जाता है, तंत्रिकाओं को ऑक्सीजन और पोषण मिलता है और पैरों का सुन्नपन घटने लगता है। आइए जानते हैं कि ऐसी कौन-कौन सी 3 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज हैं जो पैरों की इन सभी परेशानियों को दूर करती हैं। इन स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज को आप रोज़ाना रात को सोने से पहले करें आपको दर्द और सुन्नपन से राहत मिलेगी।

टखने घुमाना (Ankle Rotation)

उम्र बढ़ने पर पैरों के खून का बहाव कमजोर हो जाता है और टखने सबसे पहले प्रभावित होते हैं लेकिन कम उम्र में ही अगर आपको ये परेशानी हो रही है तो टखने घुमाने का व्यायाम करें। इसे करने से खून का प्रवाह सक्रिय रहता है और ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ती है। यह एक्सरसाइज नसों पर दबाव घटाती है और न्यूरोपैथी के शुरुआती लक्षणों को धीमा करती है।

पंजों को खींचना (Toe Flex Stretch)

दिनभर का दबाव रात में पैरों की नसों पर ज़्यादा महसूस होता है। पंजों को अपनी ओर खींचकर कुछ सेकंड रोकना पैरों की नसों को खोल देता है, खून का बहाव दोगुना कर देता है और पैरों की अकड़न, भारीपन और सुन्नपन तुरंत कम करता है। यह स्ट्रेच डायबिटीज़ और ब्लड प्रेशर वाले लोगों और बुजुर्गों के लिए भी उपयोगी है।

हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच (Hamstring Stretch)

जांघ के पीछे की मांसपेशियां उम्र के साथ कठोर हो जाती हैं, जिससे पैरों में खिंचाव और झनझनाहट बढ़ती है। हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच इन मांसपेशियों को खोलती है, खून के बहाव को तेज़ करती है और साइटिक नस पर दबाव कम करती है। नियमित अभ्यास से नींद बेहतर होती है और पैरों की कठोरता घटती है।

कैफ रेज (Calf Raise) एक्सरसाइज करें

पिंडलियां पैरों का प्राकृतिक पंप होती हैं जो खून को दिल तक पहुंचाती हैं। उम्र के साथ यह पंप कमजोर हो जाते हैं, जिससे भारीपन और झनझनाहट होती है। कैफ रेज इन्हें दोबारा सक्रिय करता है और डीप वेन थ्रोम्बोसिस जैसी गंभीर समस्या से भी बचाता है। AIIMS की रिसर्च में पाया गया कि इसे रोज़ करने से पैरों का भारीपन और शून्यपन 40% तक कम हो गया।

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