पेट का अल्सर एक गंभीर स्थिति है, जिसे पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcer) भी कहा जाता है। इस स्थिति में पेट या छोटी आंत की परत पर छाले बनने लगते हैं। वहीं, प्रॉब्लम बढ़ने पर ये छाले गहरे घाव में बदल जाते हैं, जिससे पीड़ित को और अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर बैक्टीरियल इंफेक्शन, अधिक लंबे समय तक नॉनस्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (एनएसएआईडी) लेने, धूम्रपान या शराब का अधिक सेवन करना पेट के अल्सर का कारण बनता है। हालांकि, इससे अलग रोजमर्रा की कुछ आदतें भी इस स्थिति को ट्रिगर कर सकती हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसी ही आदतों के बारे में बता रहे हैं-

अनियमित भोजन

अनियमित भोजन जैसे समय-समय पर खाना स्किप कर देना या लंबे समय तक भूखा रहने पर पेट में गैस्ट्रिक एसिड का स्राव बाधित होने लगता है। इससे अलग पाचन प्रक्रिया का संतुलन बिगड़ने लगता है। खाना स्किप करने या देर तक भूखा रहने से पेट खाली रहता और ऐसे में पेट में जरूरत से अधिक एसिड बनने लगता है। यह एसिड पेट की सुरक्षात्मक परत को डैमेज कर अल्सर का कारण बन जाता है। ऐसे में सही भोजन के साथ-साथ खाना समय पर खाना भी बेहद जरूरी है। खासकर अगर आपका पाचन सही नहीं रहता है, तो भोजन का एक समय तय कर लें और नियमित तौर पर केवल उस समय ही खाना खाएं।

तीखा और मसालेदार भोजन

आज के समय में लोग बाहर का तला-भुना और मसालेदार खाना ज्यादा खाने लगे हैं। इस तरह का भोजन यकीनन स्वादिष्ट लगता है लेकिन नियमित तौर पर अधिक मसालेदार चीजें पेट की समस्याओं को तेजी से बढ़ा सकती हैं। खासकर रोज इस तरह का भोजन करने से अल्सर का खतरा अधिक तेजी से बढ़ता है। मसालेदार भोजन पेट की परत में जलन पैदा कर एसिड के उत्पादन को अधिक बढ़ा सकता है। ऐसे में रोज इस तरह का खाना खाने से बचें। खासकर अगर आपको पेट संबंधी समस्याएं हैं या अल्सर का इतिहास है तो कम मसालेदार खाना खाएं। इससे लक्षण बढ़ने की संभावना कम हो जाती है।

चाय/कॉफी

हम भारतीय चाय के बड़े शौकीन हैं, तो कुछ कॉफी पीने के आदी हैं। मौसम चाहे सर्दी का हो या गर्मी का अधिकतर लोगों के तो दिन की शुरुआत भी गर्मागरम चाय या कॉफी की चुस्की के साथ होती है। इन्हें पीते ही शरीर में नई उर्जा का एहसास थकान को पलभर में मानो छूमंतर कर देता है। हालांकि, अधिक मात्रा में चाय या कॉफी का सेवन भी पेट में अल्सर जैसी गंभीर और दर्दनाक स्थिति का कारण बन सकता है।

दरअसल, चाय और कॉफी में कैफीन पाया जाता है। वहीं, कैफीन का बहुत अधिक सेवन करने से पेट में उच्च स्तर का एसिड पैदा हो सकता है, जो भी समय के साथ पेट की सुरक्षात्मक परत को क्षतिग्रस्त करने लगता है, जिससे अल्सर बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में अधिक मात्रा में चाय या कॉफी पीने से बचें।

अत्याधिक तनाव

आपको जानकर हैरानी हो सकती है लेकिन किसी बात का अधिक तनाव लेना भी पेट में अल्सर की स्थिति को पैदा कर सकता है। दरअसल, तनाव के कारण शरीर अधिक कोर्टिसोल (स्‍ट्रेस हार्मोन) जारी करता है। वहीं, हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जरूरत से ज्यादा मात्रा में कोर्टिसोल पेट की परत को कमजोर करने का कारण बन सकता है। इसके चलते भी पेट में एसिड के स्राव में वृद्धि होने लगती है, जिससे अल्सर विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में किसी बात का अधिक स्ट्रेस लेने से बचें।

धूम्रपान

इन सब से अलग जैसा की ऊपर जिर्क किया गया है, धूम्रपान पेट में अल्सर होने के प्रमुख कारणों में से एक है। तंबाकू के धुएं में पाए जाने वाले केमिकल पेट की परत को कमजोर बनाने लगते हैं, इसके अलावा धूम्रपान पेट में रक्त के प्रवाह को कम कर देता है, जिससे घाव भरने का नेचुरल प्रोसेस भी धीमा हो जाता है। ऐसे में अल्सर की स्थिति अधिक गंभीर होती चली जाती है। इस खतरे को कम करने और सामान्य स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए धूम्रपान छोड़ना बेहद जरूरी है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।