डायबिटीज एक तरह की क्रॉनिक डिसीज है, जो खराब खानपान, अव्यवस्थित जीवनशैली, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, तनाव और अनुवांशिक कारकों के कारण होती है। बता दें कि जब पैन्क्रियाज इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन कम या फिर बंद कर दे तो इसके कारण लोग डायबिटीज की चपेट में आ जाते हैं। मधुमेह के रोगियों को अपना ब्लड शुगर लेवल काबू में रखने की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। क्योंकि डायबिटीज के मरीजों में रक्त शर्करा का स्तर अनियंत्रित रूप से घटता-बढ़ता रहता है।
इसके कारण मधुमेह के रोगियों को हार्ट अटैक, किडनी फेलियर, मल्टीपल ऑर्गन फेलियर और स्ट्रोक की संभावना अधिक बढ़ जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो खानपान सबसे अधिक ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करता है। ऐसे में विशेषज्ञ डायबिटीज के मरीजों को खानपान के प्रति अधिक सावधानी बरतने की सलाह देते हैं।
डायबिटीज में सीताफल की स्मूदी: सीताफल, जिसे शरीफा भी कहा जाता है, स्वास्थ्य के लिए बेहद ही फायदेमंद होता है। इसमें विटामिन ए, बी, सी, ई, बी6, कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और मैगनीज की अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है। सीताफल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं। नियमित तौर पर सीताफल की स्मूदी का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।
इस तरह बनाएं स्मूदी: इसके लिए एक सीताफल का पल्प, एक कटोरी दही, 1 से 2 ग्राम दालचीनी और शहद की आवश्यकता होती है। स्मूदी को बनाने के लिए इन सभी चीजों को मिक्सी में ग्राइंड कर लें। फिर इसका सेवन करें। नियमित तौर पर इस स्मूदी का सेवन करना डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। हालांकि इसकी तासीर ठंडी होती है तो ऐसे में इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर कर लें।
सीताफल के अन्य फायदे: सीताफल का सेवन करने से ना सिर्फ ब्लड शुगर लेवल बल्कि ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है। सीताफल यानि कि शरीफा में पोटेशियम, विटामिन सी, मैंगनीज जैसे कई पोषक तत्व होते हैं जो बीपी को कंट्रोल करने के साथ ही कई अन्य हृदय रोगों से भी बचाते हैं। यह ब्लड वेसल्स को बढ़ाने में भी मदद करता है।