मानसून का मौसम जहां एक ओर राहत और ठंडक लेकर आता है, वहीं यह बैक्टीरिया और वायरल संक्रमणों का घर भी बन जाता है। डायटीशियन और गैस्ट्रो एक्सपर्ट्स के अनुसार, मौसम में नमी के चलते खाने-पीने की चीजों में बैक्टीरिया और फंगस तेजी से पनपते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं। कई लोग रात का बचा हुआ खाना सुबह या दोपहर में दोबारा गर्म करके खाते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। लाइफस्टाइल कोच निधि नाहट ने बताया कि मानसून के दौरान फूड पॉइजनिंग, डायरिया, पेट दर्द, गैस, उल्टी और अपच जैसी समस्याएं अधिक होने का खतरा रहता है।
मानसून का मौसम गर्मी से जरूर राहत देता है, लेकिन यह बढ़ी हुई नमी, बढ़ी हुई माइक्रोबियल गतिविधि और हमारे शरीर के तरीके में बदलाव भी लाता है। ऐसे समय में कई लोग सुविधा के लिए बचे हुए खाने पर निर्भर रहते हैं या फिर एक बार में ही थोड़ा ज्यादा खाना बना लेते हैं, जिससे बार-बार खाना बनाने की टेंशन दूर हो जाती है, लेकिन बचा हुआ खाना सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है। लाइफस्टाइल कोच निधि नाहटा के अनुसार, बारिश के मौसम में पाचन तंत्र धीमा हो जाता है। जिसका मुख्य कारण हवा में नमी, तापमान में उतार-चढ़ाव और शारीरिक गतिविधि में कमी है। एंजाइम प्रभावशीलता में कमी आ सकती है और आंत की संवेदनशीलता बढ़ सकती है। जिससे थकान, गैस और एसिडिटी हो सकती है।
बचे हुए खाने से क्या होता है?
ताजा पका हुआ भोजन पोषण और पाचन में सहायक माना जाता है। जब भोजन फ्रिज में रखा जाता है, खासकर नम, गर्म परिस्थितियों में तो इसकी एनर्जी कम हो जाती है। एंजाइम टूट जाते हैं, बनावट बदल जाती है। भले ही भोजन दिखने में ठीक लगे और उसकी गंध भी ठीक हो। मानसून के मौसम में ये बदलाव और भी बढ़ जाते हैं। चावल, दाल या सब्जियों जैसे आम फूड्स को अगर बहुत देर तक रखा जाए तो उनमें माइक्रोबियल भार हो सकता है, जिसे इस मौसम में पाचन तंत्र के लिए कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है और पेट दर्द एवं अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
मानसून में कैसे रखें सेहत का ख्याल
बारिश के मौसम में डायरिया के मामले सबसे अधिक देखने को मिलते हैं। दरअसल, इस मौसम में उमस और पानी बैक्टीरिया को पनपने में मदद करते हैं। वहीं, इनमें कई बैक्टीरिया ऐसे होते हैं, जो सीधा पेट पर हमला करते हैं जिससे डायरिया की समस्या बढ़ जाती है।
गट हेल्थ का ध्यान रखें
गट हेल्थ का खास ख्याल रखने के लिए आप प्रोबायोटिक का सेवन बढ़ा सकते हैं। प्रोबायोटिक आंत में हेल्दी बैक्टीरिया को बढ़ाने में योगदान करते हैं, जिससे आपका पाचन बेहतर रहता है। इसके अलावा प्रोबायोटिक फूड्स इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में भी मददगार हैं।
- बचे हुए खाने को 24 से 36 घंटों के भीतर खा लें, खास तौर पर गर्म मौसम में।
- खाना जितना ज्यादा समय तक रखा जाता है, उसकी सुरक्षा और गुणवत्ता उतनी ही खराब होती जाती है।
- खाने की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्लास्टिक के कंटेनरों की बजाय स्टेनलेस स्टील या कांच के कंटेनर चुनें।
- भोजन को बार-बार गर्म करने से बचें।
सुबह उठते ही हल्दी और नीम की 2 गोली को खा लें, बॉडी में जमा सारे कीटाणु हो जाएंगे खत्म, गट हेल्थ रहेगी दुरुस्त। इन दोनों हर्ब की पूरी जानकारी हासिल करने के लिए आप लिंक में क्लिक करें।