हम भारतीय लोगों की थाली का अहम हिस्सा चावल और रोटी है, जिसका सेवन हम दिन में लगभग दो बार करते हैं। यह न केवल हमारी पारंपरिक भोजन प्रणाली का आधार है, बल्कि शरीर को ऊर्जा देने वाला मुख्य स्रोत भी है। सुबह के नाश्ते से लेकर दोपहर और रात के खाने में चावल या रोटी हमारी थाली का मुख्य हिस्सा बन जाते हैं। इसके माध्यम से हमें कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर और कई जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं, जो शरीर की ऊर्जा, पाचन शक्ति और संतुलित पोषण के लिए जरूरी हैं।

चावल और रोटी के सेवन को लेकर डायबिटीज के मरीज और मोटापा से पीड़ित लोग अक्सर परेशान रहते हैं। उन्हें यह चिंता रहती है कि रोज चावल या रोटी खाने से ब्लड शुगर बढ़ सकता है या वजन बढ़ सकता है। वहीं, अनाज का कम सेवन करने पर उन्हें ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है। आयुर्वेद के मुताबिक दिन भर में चावल और रोटी को संतुलित हिस्सों में और सही तरीके से लेना बहुत जरूरी है। संतुलित मात्रा का सेवन करके न सिर्फ डायबिटीज कंट्रोल रहती है बल्कि वजन भी कंट्रोल रहता है।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर रूपाली जैन ने बताया कई लोगों को लगता है कि चावल खाने से वजन बढ़ता है, जबकि कुछ लोगों को डायबिटीज के कारण इसका सेवन सीमित करना पड़ता है। एक्सपर्ट ने बताया दोनों अनाज का सेवन करने के फायदे अलग-अलग होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार चावल शरीर में स्निग्धता बढ़ाता है और वात-पित्त को संतुलित करता है। अगर चावल का सेवन सही तरीके से किया जाए तो न सिर्फ वजन कंट्रोल रहता है बल्कि डायबिटीज भी अंडर कंट्रोल रहती है। आइए जानते हैं कि चावल और गेहूं कैसे डायबिटीज और मोटापा पर असर करते हैं। 

चावल का डायबिटीज और मोटापा पर असर

चावल एक ऐसा अनाज है जिसकी तासीर ठंडी और पाचन में हल्का होता है। डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए और मोटापा को कम करने के लिए अनपॉलिश्ड, पुराना या हल्का भुना हुआ चावल का सेवन करें। चावल को खास तरीके से पका कर आप डायबिटीज और मोटापा की समस्या से बच सकते हैं। आप चावल को उबालें तो थोड़ा सा पानी रहने पर उसका मांड निकाल दें। चावल हमेशा थोड़ा पुराना या हल्का भुना हुआ लें। इसे प्रेशर कुकर में न पकाएं क्योंकि ऐसा करने से यह शरीर में वात और कफ को बढ़ा सकता है और डायबिटीज़ का खतरा बढ़ सकता है। बेहतर है कि चावल को हल्का पानी डालकर साधारण बर्तन में पकाएं। चावल के साथ दाल, नींबू और हल्की सब्जियां मिलाकर सेवन करने से इसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू बढ़ जाती है और पचने में भी आसानी होता है। आयुर्वेद के अनुसार, चावल शरीर में स्निग्धता बढ़ाता है और वात-पित्त को संतुलित करता है। यह मांस धातु और मसल्स को बढ़ाने में मददगार हो सकता है।

ज्यादा पॉलिश्ड और सफेद चावल ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों के लिए जोखिम बढ़ता है। अधिक मात्रा में चावल खाने से कैलोरी बढ़ती है, जिससे वजन बढ़ सकता है। चावल का सेवन दाल, सब्जियों और हल्के मसालों के साथ खाने से ग्लाइसेमिक लोड कम होता है।

गेहूं की रोटी मोटापा और डायबिटीज बढ़ाती हैं क्या?

गेहूं एक हल्का गर्म और चावल की तुलना में थोड़ा भारी अनाज है जो मांसपेशियों और हड्डियों को ताकत देता है। ये मसल्स को स्ट्रांग बनाता है और बॉडी को ताकत देता है। वात और ठंडे प्रभाव को संतुलित करता है। एक्सपर्ट ने बताया अत्यधिक रिफाइंड आटे से बनी रोटियां ब्लड शुगर बढ़ा सकती हैं। साबुत गेहूं और मल्टीग्रेन रोटियां ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाती हैं, जिससे डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

रिफाइंड आटे से बनी रोटियां ब्लड शुगर बढ़ा सकती हैं। साबुत गेहूं शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा देता है और वजन बढ़ने का खतरा कम होता है। डायबिटीज और मोटापे को कंट्रोल करने के लिए आप साबुत गेहूं, मल्टीग्रेन या जौ मिलाकर रोटियां खाएं फायदा होगा। संतुलित आहार में दोनों का मिश्रण भी लिया जा सकता है जैसे दिन में चावल और रोटी दोनों का सीमित और संतुलित सेवन।

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