रिश्तेदारों और दोस्तों से गले मिलना लगभग हर घर में आम बात है। जब भी घर पर कोई आता है जो बच्चों को सिखाया जाता है कि घर पर आए मेहमानों का आदर करें और उसके लिए या तो उनसे गले मिले या पैर छुएं। लेकिन किसी भी माता-पिता को अपने बच्चों से इन कामों को करने के लिए दबाव नहीं डालना चाहिए। जरूरी नहीं कि पैर छूकर या गले मिलकर ही आप लोगों को सम्मान दें। हालांकि माता-पिता की सोच भी एक हद तक सही है, वो अपने बच्चों को सही और अच्छे संस्कार देना चाहते हैं। लेकिन गले मिलना और पैर छुना जैसी बातों को सिखाने से बेहतर है कि आप अपने बच्चों को दूसरों का सम्मान करना सिखाएं। लोगों से कैसे बात करना चाहिए और कैसे उनका आदर करना चाहिए ये सिखाएं। तो आइए जानते हैं बच्चों को रिश्तेदारों या दोस्तों से गले मिलने पर क्यों मजबूर नहीं करना चाहिए।

प्यार दिखाने का बच्चे को गलत संदेश मिलता है
यदि आप अपने बच्चे को यह बात बताते हैं कि सिर्फ गले मिलने से रिश्तेदारों और दोस्तों प्यार दिखाया जा सकता है तो यह बात बिल्कुल गलता है और उन्हें इससे गलत संदेश मिलेगा। सही बात तो यह है कि यदि आपके बच्चे के मन में उनके दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए सम्मान हो तो यह अच्छी बात है।

यह आपके बच्चे के आराम क्षेत्र को खराब करता है
यदि आप अपने बच्चे को ऐसा कुछ करने के लिए दबाव डालते हैं तो इससे उनका आराम क्षेत्र खराब हो सकता है। इस बात से वो भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक रूप से प्रभावित हो सकते हैं।

बड़े-बुजुर्गो की तरह बच्चों को भी इस बात की समझ होती है कि किससे कैसा व्यवहार करना चाहिए या किसे आदर-सम्मान देने के लिए गले मिलना चाहिए या पैर छूना चाहिए। इसलिए कभी भी अपने बच्चे को रिश्तेदारों और दोस्तों के गले मिलने के लिए दबाव नहीं डालना चाहिए वरना इससे उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है और उन्हें गलत संदेश भी मिल सकता है।