स्वादिष्ट, कुरकुरी और मीठी मूली का सेवन न सिर्फ खाने में रुचि बढ़ाता है बल्कि पाचन को भी दुरुस्त करता है। मूली वैसे तो सर्दी की फसल है लेकिन आजकल ये पूरे साल मौजूद होती है। मूली का सेवन लोग अक्सर सलाद के रूप में , पराठा बनाकर,मूली की सब्जी और अचार बनाकर करते हैं। ये सब्जी पोषक तत्वों का पावर हाउस है। मूली में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें विटामिन, खनिज और फाइबर मौजूद होता है जो सेहत को बहुत फायदा पहुंचाता है। मूली एक लो-कैलोरी, हाई-फाइबर, विटामिन C से भरपूर सब्ज़ी है जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है, बॉडी को डिटॉक्स करती है और ओवर ऑल हेल्थ में सुधार करती है।

ये सब्जी डायबिटीज का इलाज करती है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जो ब्लड शुगर कंट्रोल करने में असरदार साबित होता है। बढ़ते वजन से परेशान लोग इस लो कैलोरी सब्जी का सेवन करें तो वेट लॉस जर्नी आसान होगी। मूली डायबिटीज मरीजों के लिए भी वरदान है। लो ग्लाइसेमिक इस सब्जी का सेवन करने से ब्लड शुगर नॉर्मल रहता है।  विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स गुणों से भरपूर ये सब्जी इम्यूनिटी स्ट्रांग करती है। मूली में आयरन, कैल्शियम और विटामिन C मौजूद होता है जो बॉडी को हेल्दी रखता है।

सेहत के लिए उपयोगी ये मूली पेट की गैस,एसिडिटी और अपच का नेचुरल इलाज करती है। इस सब्जी को खास तरीके से खाया जाए तो पाचन दुरुस्त रहता है। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. प्रताप चौहान के अनुसार, मूली का सेवन पाचन के लिए तब नुकसानदेह हो सकता है जब इसे कुछ खास खाद्य पदार्थों के साथ खाया जाए। मूली की प्रकृति आयुर्वेद में विशेष मानी जाती है, इसमें ठंडी और गर्म दोनों तासीर होती है, जो इसे संतुलन बनाने वाला भोजन बनाती है। हालांकि कुछ गलत फूड कॉम्बिनेशन (Food Combinations) के साथ इसे खाने से पाचन तंत्र पर प्रतिकूल असर पड़ सकता हैं।

यदि मूली को ऐसे फूड्स के साथ खाया जाए जो इसके स्वाभाविक गुणों के विपरीत हों, तो गैस, अपच, एसिडिटी और भारीपन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि मूली को भोजन में शामिल करते समय इसकी तासीर और संगत (compatibility) का ध्यान रखा जाए। आइए जानते हैं कि किन फूड्स के साथ मूली का सेवन नहीं करना चाहिए।

मूली और दूध सेहत के लिए हानिकारक कॉम्बिनेशन

मूली और दूध का एक साथ सेवन करना आयुर्वेद के अनुसार शरीर में विषैले तत्व (toxins) उत्पन्न कर सकता है। यह कॉम्बिनेशन पाचन को कमजोर करता है, जिससे पेट दर्द, गैस और अपच की समस्या हो सकती है। मूली की तासीर ठंडी और तीखी होती है, जबकि दूध भारी और ठंडा होता है। दोनों मिलकर पाचन में असंतुलन पैदा करते हैं। इसीलिए इनका साथ में सेवन करने से बचना चाहिए।

मूली के साथ खीरा नहीं खाएं

मूली और खीरे को लोग अक्सर सलाद में एक साथ खा लेते हैं, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार यह गलत है। दोनों की तासीर ठंडी होती है जिससे पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। इन दोनों फूड्स को एक साथ में खाने से पेट में गैस, पेट भारी होना और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। पाचन को दुरुस्त करना चाहते हैं तो आप इन दोनों सब्जियों को अलग-अलग समय पर खाएं ताकि पेट की सेहत बनी रहे।

मूली के साथ नींबू और अमरूद से करें परहेज

अक्सर फ्रूट चाट में मूली के साथ नींबू और अमरूद और बाकी फ्रूट्स को मिक्स किया जाता है। लेकिन आयुर्वेद के मुताबिक मूली के साथ इन फूड्स का कॉम्बिनेशन गलत है। ये आपके पाचन को बिगाड़ सकता है। मूली के साथ नींबू मिलाने से पित्त दोष बढ़ सकता है, और अमरूद की संगत से गैस व पेट दर्द की समस्या हो सकती है। इन फलों के साथ मूली का सेवन करने से ब्लोटिंग और अपच जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

मूली खाने के बाद गुड़ नहीं खाएं

बहुत से लोग मूली खाने के बाद मुंह मीठा करने के लिए गुड़ खा लेते हैं, लेकिन मूली के बाद गुड़ खाने की ये आदत पाचन को खराब कर सकती है। मूली की तीखी तासीर और गुड़ की मिठास मिलकर पेट में गैस, जलन और अपच का कारण बन सकती है। अक्सर लोग मूली के परांठों के साथ गुड़ खा लेते हैं जो पाचन के लिए गलत है।

मूली खाने का सही समय क्या है?

मूली का सेवन दोपहर में करना सबसे लाभकारी होता है क्योंकि इस समय पाचन अग्नि तेज होती है। सुबह हल्के नाश्ते में थोड़ा मूली खा सकते हैं लेकिन खाली पेट नहीं, वरना एसिडिटी हो सकती है। रात के समय मूली का सेवन टालना चाहिए, क्योंकि इसकी ठंडी तासीर पाचन को धीमा कर सकती है और सर्दी-खांसी जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है।

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