आज के समय में शुगर एक ऐसी बीमारी है जो दुनिया भर में बुजुर्गों से लेकर अब युवाओं को भी बहुत तेजी से प्रभावित कर रही है। जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं होता है, तो खून में ग्लूकोज जमा होने लगता है। जिससे मधुमेह यानी शुगर की समस्या बढ़ जाती है। शुगर एक ऐसी बीमारी है जो धीरे-धीरे शरीर को कमजोर करने का काम करती है और फिर इससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में शुगर को कंट्रोल करना बहुत ही आवश्यक है। हालांकि, शुगर की समस्या होने से पहले व्यक्ति प्री-डायबिटिक अवस्था में होता है। अगर रक्त शर्करा का स्तर 100 से 125 mg/dL के बीच है, तो इसका मतलब है कि व्यक्ति प्री-डायबिटिक है।

प्री-डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है, जिसमें ब्लड शुगर लेवल सामान्य से ज्यादा हो जाता है, लेकिन इतना ज्यादा नहीं कि इसे टाइप-2 डायबिटीज कहा जा सके। इसे ‘वॉर्निंग स्टेज’ भी कहा जाता है, प्री-डायबिटीज को हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि इससे टाइप 2 डायबिटीज और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में अपने लाइफस्टाइल और खानपान का ध्यान में रखकर इसे बीमारी के रूप में बदलने से रोका जा सकता है।

एक्सपर्ट ने बताए उपाय?

दिल्ली के अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल में वरिष्ठ कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, डॉ. संचयन रॉय ने कहा कि प्री-डायबिटीज का पता चलते ही अगर कुछ तत्काल कदम उठाए जाएं तो इसे कंट्रोल किया जा सकता है। कई बार लोग इस चिकित्सीय स्थिति के प्रति लापरवाह हो जाते हैं, जिसके कारण उनमें मधुमेह यानी डायबिटीज विकसित हो जाता है, लेकिन अपने आहार और जीवनशैली में बदलाव करके मधुमेह को कंट्रोल किया जा सकता है।

आहार में कौन सी चीजें होनी चाहिए?

डॉ. संचयन रॉय ने कहा कि एक बार जब आप प्री-डायबिटीज के बारे में जान जाते हैं, तो आपको अपने आहार में बदलाव करने की जरूरत होती है। इस दौरान अधिक फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन खाएं। यह आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। ऐसी स्थिति में चीनी और कार्बोहाइड्रेट से दूरी बनानी चाहिए।

फिजिकल एक्टिविटी

प्री-डायबिटीज के दौरान नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम, जैसे चलना, दौड़ना, साइकिल चलाना या तैरना, आपके शरीर की इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं। यह ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। अधिक वजन होने से शुगर का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए अपने वजन पर नियंत्रण रखें।

तनाव को कम करें

इसके अलावा तनाव कम करने का प्रयास करने। इसके लिए प्रतिदिन योग और ध्यान करना फायदेमंद हो सकता है। यह आपके शरीर में तनाव हार्मोन के स्तर को कम करता है और ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है।

नियमित जांच

रक्त शर्करा यानी शुगर की नियमित जांच करें। इससे मधुमेह के खतरे को कम कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि डॉक्टर से नियमित रूप से परामर्श करना और उनकी सलाह का पालन करना भी महत्वपूर्ण है।

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