Pope Francis Death Reason In Hindi: ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने वेटिकन सिटी में अपने आवास पर अंतिम सांस ली। पोप फ्रांसिस दुनिया के सबसे बड़े धर्मगुरु हैं। पोप फ्रांसिस की हालत स्थिर बनी हुई थी, उन्हें पिछले दिनों डबल निमोनिया अटैक के कारण वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पोप फ्रांसिस ‘ब्रोंकोस्पज़म’ नामक श्वसन समस्या से पीड़ित थे, जिसके कारण पिछले कुछ समय से उन्हें सांस लेने में बहुत परेशानी हो रही थी। इसकी जानकारी वेटिकन ने सोमवार को एक वीडियो बयान में जारी की है। उन्होंने कहा कि रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी नेता पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधह हो गया।
क्या है डबल निमोनिया बीमारी?
फोर्टिस अस्पताल, मानेसर में पल्मोनोलॉजिस्ट डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. कर्ण मेहरा के मुताबिक, डबल निमोनिया को मेडिकल टर्म में बाइलेट्रल निमोनिया कहा जाता है। बुजुर्गों को यह बीमारी हुई तो बहुत गंभीर हो सकती है। आमतौर पर यह बीमारी बैक्टीरिया और वायरस के कारण होती है। हालांकि, डबल निमोनिया भी एक प्रकार से निमोनिया जैसी बीमारी ही होती है, लेकिन इसमें दोनों लंग्स प्रभावित होते हैं और सांस लेने में बहुत दिक्कत होती है।
निमोनिया फेफड़ों का एक इंफेक्शन है, जिसमें एल्वियोली में पस और फ्लूइड भर जाता है। इस स्थिति में सांस लेने में कठिनाई होती है। ऐसे ही जब निमोनिया दोनों फेफड़ों में होता है, तो इसे बाइलेट्रल निमोनिया कह जाता है। इस स्थिति में दोनों फेफड़ों पर असर पड़ता है। इस बीमारी में दोनों ही फेफड़ों द्वारा पर्याप्त ऑक्सीजन खून में नहीं पहुंच पाता। इससे सांस लेने में दिक्कत, ठंड लगना, छाती में दर्द और थकान आदि की परेशानी होती है।
क्या है डबल निमोनिया का इलाज?
डबल निमोनिया की समय रहते पहचान करना और इलाज करवाना बहुत ही जरूरी है। अगर, इसका समय रहते इलाज करवाया जाए तो ये पूरी तरह से ठीक हो सकता है। आमतौर पर निमोनिया की बीमारी को ठीक कर लिया जाता है। इसमें ऑक्सीजन की जरूरत होती है। इसके अलावा एंटीबायोटिक और एंटी-इंफ्लामेटरी से डबल निमोनिया को ठीक किया जा सकता है।
डबल निमोनिया के लक्षण
डबल निमोनिया के लक्षण कुछ अलग नहीं होते। इसके लक्षण भी निमोनिया की तरह ही होते हैं। जिसमें सांस फूलना, खांसी आना और ऑक्सीजन लेवल कम होना, बुखार और छाती में दर्द हो सकता है।