आपका तकिया अक्सर रात को सोते समय आपका आरामदायक साथी होता है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यही आरामदायक साथी आपके लिए कई तरह की शारीरिक परेशानी और समस्याओं को भी पैदा कर सकता है? अगर नहीं, तो बता दें कि केवल एक तकिए के इस्तेमाल से आप जाने-अनजाने में कई तरह की दिक्कतों को दावत दे बैठते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-

मामले को लेकर भाटिया अस्पताल मुंबई के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. आरएच चौहान ने इंडियन एक्सप्रेस संग हुई एक खास बातचीत के दौरान बताया, अधिकतर लोग रात को सोते समय ऊंचे तकिए का इस्तेमाल करते हैं। इसपर सिर रखकर सोने पर उन्हें आराम महसूस होता है। हालांकि, असल में ये उन्हें कई तरह से हानि पहुंचा रहा होता है। खासकर अगर आप करवट लेकर सोना पसंद करते हैं, तो आपको अपनी इस आदत को आज ही बदलने की जरूरत है।’

डॉ. आरएच चौहान के मुताबिक, करवट लेकर सोते समय ऊंचा तकिया लगाने से सिर को सहारा नहीं मिल पाता है। इससे इस पोजीशन में सिर नीचे की ओर झुक सकता है और आपको अगली सुबह गर्दन में तेज दर्द, अकड़न, चक्कर आना यहां तक ​​कि पूरे सिर को हिलाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

वहीं, अगर आप पीठ के बल सोते हैं, तो भी सही तकिए का चुनाव जरूरी है। पीठ के बल सोते समय मोटा तकिया लगाने से लंबे समय तक आपकी गर्दन शरीर से ऊंची रहती है, जो सर्वाइकल स्पाइन की असामान्य स्थिति का कारण बन सकती है। इससे अलग इस तरह के तकिए के इस्तेमाल से आपको गर्द और रीढ़ की हड्डी में पेन, सुन्नता या सुबह के समय अधिक कमजोरी का सामना भी करना पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है आप सही तकिए का चुनाव करें।

घेर सकती हैं ये बीमारियां

इससे अलग एचसीजी अस्पताल, अहमदाबाद की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. श्वेतल गढ़वी, बताती हैं कि गर्द में दर्द और रीढ़ की हड्डी पर खराब असर डालने से अलग तकिया एलर्जी, अस्थमा या श्वसन संबंधी समस्याओं को ट्रिगर करने का कारण भी बन सकता है। आइए जानते हैं कैसे-

अधिकतर लोग सिर के नीचे लगाने से अलग तकिए में चेहरा छिपाकर सोना भी पसंद करते हैं। बता दें कि ऐसा करने पर आपको मुहांसों या रूखी-बेजान स्किन की समस्या से जूझना पड़ सकता है। दरअसल, समय के साथ आपके तकिए में धूल और सिर का ऑयल चिपकने लगता है, जो आपकी स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है।

तकिए में मौजूद धूल और गंदगी में नमी के कारण बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो सोते समय आपके नाक या मुंह के जरिए शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं, ये अस्थमा के मरीजों के लिए बहद हानिकारक साबित हो सकते हैं। ऐसे में इन तमाम परेशानियों से बचने के लिए समय-समय पर तकिए के खोल को धोकर धूप में जरूर सुखाएं, साथ ही हर 3 से 6 महीने के अंदर एक बार तकिए की सफाई भी जरूर कर लें।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।