दर्द और सूजन तब होती है जब यूरिक एसिड अधिक बढ़ जाता है और जोड़ों और आस-पास के ऊतकों में जमा हो जाता है, जिसके कारण गाउट की समस्या भी हो जाती है। यूरिक एसिड को कंट्रोल करना बेहत जरूरी होता है, वरना इससे आपको और भी कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए लोग अक्सर दवाइयों का सेवन करते हैं, लेकिन इनके कई साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। इन दवाइयों को लेने के बजाय आप अपनी डाइट में जैतून के तेल को शामिल करें। यह ना सिर्फ आपके यूरिक एसिड को कंट्रोल करता है, बल्कि उसके लक्षणों को भी कम करता है। आइए जानते हैं इस्तेमाल करने का तरीका-

जैतून का तेल: जैतून के तेल में मौजूद पोषक तत्व यूरिक एसिड के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसके अलावा यह यूरिक एसिड के लक्षणों को भी कम करने में मदद करता है। जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने के लिए भी जैतून का तेल फायदेमंद होता है। नियमित रूप से अपने खाने को जैतून के तेल में बनाएं। यह आपके लिए फायदेमंद होगा। जैतूल के तेल में विटमिन ई काफी मात्रा में पाया जाता है, जो यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मददगार साबित होता है।

सेब का सिरका: यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए सेब का सिरका भी फायदेमंद होता है। सेब के सिरके में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होता है जो यूरिक एसिड को कंट्रोल करता है और उसके लक्षणों को भी कम करने में मदद करता है। इसके अलावा सेब का सिरक शरीर में पीएच के स्तर को भी कम करता है।

गेहूं का ज्वार: रोजाना गेहूं के ज्वार में नींबू का रस मिलाकर पीने से भी यूरिक एसिड का लेवल कंट्रोल होता है। इसके अलावा यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के साथ-साथ यह शरीर में गाउट के कारण होने वाले सूजन और दर्द को भी कम करता है।

इसके अलावा जानिए यूरिक एसिड वाले क्या करें और क्या ना करें-

1. रोजाना नारियल पानी पिएं।
2. एलोवेरा के जूस में आंवले का जूस मिलाकर पिएं। यह काफी फायदेमंद होगा।
3. चुकंदर और गाजर का जूस शरीर के पीएच लेवल को कंट्रोल करता है जो यूरिक एसिड वालों के लिए फायदेमंद होता है।
4. कम फैट वाला दूध भी यूरिक एसिड के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।