High Blood Pressure: आधुनिक जीवन शैली में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से कई लोग पीड़ित हैं। तेजी से बढ़ती इस परेशानी में मरीजों की धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। इसे कंट्रोल करने के लिए दिल को सामान्य से ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर भी कहा जाता है क्योंकि ये शरीर को जल्दी कोई चेतावनी संकेत नहीं दे पाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि लोगों को उच्च रक्तचाप का पता तब ही चलता है जब मामला गंभीर हो जाता है। कई बार हाई बीपी के अनदेखा होने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार लगातार सिर दर्द बना रहे, नजरों में धुंधलापन, वोमिटिंग, सिर भारी लगना, असुविधा होना उच्च रक्तचाप का लक्षण है। ब्लड प्रेशर की समस्या सिर्फ दिल को ही नहीं बल्कि शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करती है। आइए जानते हैं विस्तार से –
पहले जानें दिल पर क्या होता है असर: हाइपरटेंशन की परेशानी उन लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है जो तनाव ज्यादा लेते हैं या फिर जिनकी लाइफस्टाइल खराब हो। रक्तचाप के मरीजों को हृदय गति के अनियमित होने, भ्रम की स्थिति, छाती में दर्द, सांस संबंधी दिक्कतें, नाक से खून निकलने जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं। गंभीर मामलों में उच्च रक्तचाप से ग्रस्त मरीजों को कार्डियोवास्कुलर डिजीज और हार्ट अटैक का खतरा रहता है।
बता दें कि ब्लड प्रेशर बढ़ने से रक्त धमनियों पर दबाव बढ़ जाता है, इससे उसकी अंदरूनी परत में जो सेल्स होती हैं उन पर असर होता है। इससे आर्टरीज डैमेज हो जाती हैं और वॉल्स की इलास्टिक कम हो जाती है।
शरीर के इन हिस्सों पर होता है असर: हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार ब्लड प्रेशर लेवल ज्यादा होने से शरीर के कई अन्य हिस्से भी प्रभावित होते हैं। हाइपरटेंशन के मरीजों को आंखों से संबंधित दिक्कतें हो सकती हैं। हाई बीपी आंखों की ब्लड वेसल्स को डैमेज करता है जिससे उन्हें देखने में परेशानी, धुंधलापन और अंधापन की शिकायत हो सकती है।
इसके अलावा, उच्च रक्तचाप के मरीजों में हड्डियों की बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण भी हो सकते हैं। ब्लड प्रेशर बढ़ने से शरीर में कैल्शियम की कमी हो सकती है। इसके अलावा, मरीजों का रेस्पिरेटरी और न्यूरोलॉजिकल सिस्टम भी प्रभावित हो सकता है।