अस्वस्थ जीवनशैली, खराब खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण आज युवा भी ऐसी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं, जो पहले बड़े-बुजुर्गों को हुआ करती थी। इन्हीं में से एक है डायबिटीज यानी मधुमेह की बीमारी, वर्तमान समय में देश की आबादी का 7.8 प्रतिशत हिस्सा मधुमेह की बीमारी से ग्रस्ति है। बता दें मधुमेह की बीमारी में ब्लड शुगर यानी रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। क्योंकि ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, किडनी फेलियर और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर जैसी जानलेवा स्थिति का खतरा बढ़ जाता है।

ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को अपने ब्लड शुगर लेवल का ध्यान रखना बेहद ही जरूरी होता है। बता दें जब पैन्क्रियाज इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन कम या फिर बंद कर देता है तो इसके कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। मेडिकल टर्म में हाई ब्लड शुगर लेवल को हाइपरग्लाइसेमिया कहा जाता है।

ब्लड शुगर लेवल रेंज: व्यक्ति के शरीर का नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल 70-99 mg/dl के बीच होता है। खाना खाने से पहले और बाद में आप अपने रक्त शर्करा के स्तर की जांच कर सकते हैं। जिससे आपको ये अंदाजा हो जाएगा कि आपने भोजन में जो भी खाया है, उसकी वजह से आपका ब्लड शुगर लेवल कितना प्रभावित हो रहा है।

गर्भवती महिलाएं: ऐसी गर्भवती महिलाएं, जो डायबिटीज की बीमारी से ग्रस्त नहीं हैं, खाना खाने के बाद उनका ब्लड शुगर लेवल 90-180 mg/dl होना चाहिए। वह महिलाएं जो गर्भवती नहीं है, लेकिन डायबिटीज की शिकार हैं, उनका रक्त शर्करा का स्तर भोजन के बाद 180 mg/dl होना चाहिए। ऐसे अडल्ट्स जो मधुमेह से पीड़ित हैं और इंसुलिन नहीं लेते, उनके रक्त शर्करा का स्तर 140 mg/dl होना चाहिए।

ऐसे वयस्क जो मधुमेह की बीमारी से जूझ रहे हैं, खाना खाने के 1 से 2 घंटे बाद उनका ब्लड शुगर लेवल 80-130 mg/dl के बीच होता है। लेकिन भोजन के बाद अगर यह रेंज बढ़ रही है तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

जांच का तरीका: डायबिटीज के मरीज दो तरीकों से अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच कर सकते हैं। पहला तरीका, ग्लूकोमीटर। आप घर पर ही ग्लूकोमीटर के जरिए अपने रक्त शर्करा के स्तर की जांच कर सकते हैं। दूसरा ग्लूकोज मॉनिटरिंग, जरूरत पड़ने पर आप एक दिन में 4-6 बार अपने रक्त शर्करा के स्तर की जांच कर सकते हैं।