केरल में एक बार फिर निपाह वायरस (Nipah virus) फैलने की खबर है। यहां कोझिकोड जिले में बुखार के बाद दो बच्चों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि मृतकों के परिजन की भी हालत गंभीर है। फिलहाल मृतकों की टेस्ट रिपोर्ट सामने नहीं आई हैं। हालांकि, उनका इलाज कर रहे डॉक्टर्स का कहना है कि 9 और 4 साल के उन बच्चों में निपाह वायरस के ही लक्षण देखे गए थे। ऐसे में दोनों के शवों को मॉर्चुरी में रखा गया है, जांच रिपोर्ट आने के बाद ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

क्या है निपाह वायरस?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है, जो जानवरों के जरिए इंसानों में फैलता है। मुख्य रूप से ये चमगादड़, सूअर, कुत्ते और घोड़ों जैसे जानवरों को प्रभावित करता है और फिर संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने वाले मनुष्यों की बॉडी में प्रवेश कर जाता है। इसके अलावा ये खाने-पीने के जरिए इंसानों से इंसानों में भी फैल सकता है। जानकारी के अनुसार, निपाह का नाम मलेशिया के एक गांव के नाम पर रखा गया था। साल 1998-99 के दौरान इसी गांव में इस वायरस का पहला केस पाया गया था।

आइए जानते हैं इस गंभीर वायरस के लक्षण और बचाव का तरीका-

क्या हैं लक्षण?

  • निपाह वायरस की चपेट में आने पर व्यक्ति को तेज बुखार
  • मस्तिष्क में सूजन
  • तेज सिरदर्द
  • सांस लेने में परेशानी होना
  • खांसी और खराब गला
  • दस्त
  • उल्टी-मतली
  • मांसपेशियों में दर्द
  • गंभीर कमजोरी आदि लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एक बार निपाह वायरस की चपेट में आने पाने पर संक्रमित को इतना तेज बुखार आता है कि कुछ ही घंटों में वो कोमा में भी जा सकता है। इन सब के अलावा ज्यादातर मरीजों में न्यूरो की भी परेशानी देखी गई है।

क्या है बचाव का तरीका?

बता दें कि फिलहाल निपाह वायरस का कोई निश्चित इलाज नहीं है, न ही इसके लिए कोई दवा या वैक्सीन उपलब्ध है। ऐसे में इससे बचाव का एकमात्र तरीका सावधानी बरतना है। जैसा की ऊपर जिक्र किया गया है, निपाह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है, ऐसे में खासकर चमगादड़ और सूअर के संपर्क में आने से बचें। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि साल 2004 में कुछ लोगों ने खजूर के पेड़ से निकलने वाले फ्लुइड को चखा था, जो फ्रूट बैट के संपर्क में आा था। वहीं, फ्रूट बैट से ही इस वायरस का जन्म हुआ था। ऐसे में जमीन या फिर सीधे पेड़ से गिरे किसी भी फल को ना चखें। साथ ही इंसानों का झूठा खाने से भी बचें। कोविड-19 की तरह ही निपाह वायरस भी इससे संक्रमित इंसान के करीब जाने पर भी फैल सकता है। ऐसे में इसके लक्षण नजर आते ही तुरंत डॉक्टर्स से संपर्क करें।