High Uric Acid Patients Diet: गठिया रोग, जोड़ों में दर्द, गाउट और सूजन जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होने का एक कारण शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ना भी माना जाता है। केवल इतना ही नहीं, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और थायरॉयड जैसी बीमारियों का खतरा भी हाई यूरिक एसिड के मरीजों में अधिक देखने को मिलता है। बता दें कि सामान्य तौर पर यूरिक एसिड की रीडिंग 3.5 से 7.2 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर होती है। इससे ज्यादा रीडिंग होने पर आपको हाइपरयूरिसेमिया यानी हाई यूरिक एसिड की समस्या हो सकती है। ये एसिड हमारे शरीर में मौजूद प्यूरीन नामक प्रोटीन के ब्रेकडाउन से बनता है। ऐसे में लोगों को उन खाद्य पदार्थों से दूरी बना लेनी चाहिए जिनमें ये प्रोटीन पाया जाता है।
रात में नहीं खाएं दाल-चावल: आमतौर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी रात के खाने में लोगों को हल्का भोजन करने की ही सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके बाद लोग सोने जाते हैं और खाना ठीक से पच नहीं पाता है। साथ ही, डॉक्टर्स का मानना है कि रात को सोते समय चावल या दाल का सेवन करना हानिकारक साबित हो सकता है।
बता दें कि चावल शरीर को मोटा बनाने का काम करता है, अधिक वजनदार लोगों में यूरिक एसिड का स्तर ज्यादा पाया जाता है। ऐसे में चावल कम खाना चाहिए। वहीं, दाल में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है जिससे यूरिक एसिड के मरीजों के शरीर पर नुकसान हो सकता है। इससे शरीर में ज्यादा मात्रा में यूरिक एसिड जमा होने लगता है। खासकर कि छिलके वाली दाल खाने से तो बिल्कुल ही परहेज करना चाहिए। ऐसे में यूरिक एसिड के मरीज रात में दाल-चावल खानें से बचें।
दही से भी हाई होता है यूरिक एसिड: प्रोटीन से भरपूर दही के अधिक सेवन से भी यूरिक एसिड के मरीजों को हानि हो सकती है। ऐसे में लोगों को दही खाने से बचना चाहिए।
न खाएं अधिक मीठा भोजन: ज्यादा चीनी या मीठा भोजन खाने से भी शरीर में यूरिक एसिड के बढ़ने का खतरा होता है। एक शोध के मुताबिक जो लोग अपनी डाइट में Fructose को ज्यादा शामिल करते हैं, उनमें गाउट जैसी बीमारी से ग्रस्त होने का खतरा दूसरों की तुलना में 62 प्रतिशत तक अधिक हो सकता है।
दूध-पनीर: हाई फैट डेयरी उत्पादों का सेवन भी यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाते हैं। इसके अलावा, पनीर और चीज़ खाना भी इनके लिए खतरनाक हो सकता है। हालांकि, लो फैट दूध का इस्तेमाल किया जा सकता है।