महिलाओं में पीरियड्स बंद होने की स्थिति को मेनोपॉज (Menopause) कहा जाता है। आमतौर पर अधिकतर महिलाएं 45 साल से लेकर 55 साल की उम्र में मेनोपॉज की स्थिति तक पहुंचती हैं। हालांकि, आज के समय में अनहेल्दी लाइफस्टाइल, खराब खाने की आदत और बढ़ते तनाव के चलते महिलाओं में पीरियड्स कम उम्र में ही आना बंद हो जाते हैं। ऐसे में अगर आप भी इस उम्र से गुजर रही हैं, तो यहां हम आपको मेनोपॉज के कुछ अर्ली साइन बता रहे हैं।

दरअसल, मेनोपॉज के करीब आने पर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन नामक हार्मोन की मात्रा बहुत कम हो जाती है। इसके चलते महिलाओं के शरीर में कई तरह के परिवर्तन दिखने लगते हैं, इस दौरान कई महिलाएं इन परिवर्तनों को लेकर अधिक तनाव में रहने लगती हैं या खुद को बीमार महसूस करती हैं। ऐसे में इन लक्षणों को पहचानना और जरूरी हो जाता है।

मेनोपॉज के करीब आने पर दिखते हैं ये लक्षण

अनियमित पीरियड्स

मेनोपॉज के करीब पहुंचने पर सबसे पहले महिलाओं की पीरियड साइकिल डिसटर्ब होने लगती है। इस स्थिति में कई बार उन्हें एक ही महीने में एक से ज्यादा बार पीरियडस होने लगते हैं, तो कभी 2 से 3 महीने में एक बार भी नहीं भी होते हैं। इस दौरान भी ब्लड फ्लो घटता या बढ़ता रहता है।

तामपमान में अनिश्चितता

मेनोपॉज के करीब पहुंचने पर महिलाओं के शरीर के तामपमान में अनिश्चितता बनी रहती है। इस दौरान कई बार उन्हें तेज बुखार जैसा भी महसूस होता है। इस स्थिति को हॉट फ्लैशेज के नाम से जाना जाता है। कई बार महिलाओं को तेज गर्मी में ठंड का अहसास महसूस होता है, तो कभी कड़ाके की ठंड में भी पसीने आने लगते हैं।

ब्रेस्ट में सूजन

ब्रेस्ट में सूजन या दर्द का अहसास मेनोपॉज का तीसरा सबसे सामान्य लक्षण है। हार्मोनल बदलाव के चलते ब्रेस्ट में फ्लूइड जमा होने लगते हैं, जिसके चलते ब्रेस्ट में स्वेलिंग आने लगती है। इसके अलावा एस्ट्रोजन के गिरते स्तर के चलते अधिकतर महिलाओं के निप्पल के आसपास का डार्क एरिया सिकोड़ने लगता है।

वेजाइना में सूखापन

मेनोपॉज के नजदीक पहुंचने पर वेजाइना में सूखापन और इसके चलते खुजली की समस्या भी बढ़ सकती है। कई बार परेशानी बढ़ने पर यूटीआई जैसे लक्षण भी नजर आने लगते हैं। इनमें पेशाब करते हुए तेज दर्द या जलन का अहसास होना, बार-बार पेशाब आने जैसा महसूस होना, अचानक पेट में दर्द होने लगना आदि शामिल हैं।

इस तरह रखें खुद का ख्याल

  • 45 या इससे अधिक उम्र की महिलाओं के लिए खानपान पर ध्यान देना सबसे अधिक जरूरी है। महिला डाइट में पौष्टिक आहार शामिल करके शारीरिक और भावनात्मक, दोनों रूप से बेहतर महसूस कर सकती हैं।
  • अच्छे खानपान के साथ अच्छी नींद और नियमित रूप से व्यायाम भी जरूरी है। मेनोपॉज के कारण वजन भी तेजी से बढ़ता है, ऐसे में नियमित एक्सरसाइज वजन को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है।
  • खुजली और जलन से बचने के लिए हल्के और सिंगल लेयर कॉटन के कपड़े पहनें।
  • इन सब के अलावा शरीर में पानी की कमी न होने दें।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।