मेनोपॉज (Menopause) हर महिला के जीवन का एक सामान्य चरण है, बावजूद इसके इससे जुड़े कई ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब अधिकतर महिलाओं को नहीं पता होते हैं। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब दे रहे हैं। इससे पहले जान लेते हैं कि आखिर मेनोपॉज है क्या और किस उम्र की महिलाओं को ये प्रभावित करता है।
सवाल- क्या है मेनोपॉज?
जवाब- सीधी सरल भाषा में समझें तो महिलाओं में पीरियड्स यानी मासिक धर्म बंद होने की स्थिति को मेनोपॉज कहा जाता है। आमतौर पर अधिकतर महिलाएं 45 साल से लेकर 55 साल की उम्र में मेनोपॉज की स्थिति तक पहुंचती हैं। हालांकि, आज का अनहेल्दी लाइफस्टाइल, बढ़ता तनाव और खराब खानपाम के चलते महिलाओं में पीरियड्स कम उम्र में ही आना बंद हो जाते हैं।
सवाल- फिर कब मान लें कि आपका मेनोपॉज फेज शुरू हो गया है?
जवाब- जैसा की ऊपर जिक्र किया गया है, आमतौर पर 45 से 55 साल की उम्र के बाद मेनोपॉज फेज शुरू हो जाता है। हालांकि, कई बार इसमें कम या अधिक समय भी लग सकता है। ऐसे में अगर आपको अंतिम माहवारी के बाद लगातार 12 महीने तक पीरियड्स नहीं आएं हैं, तब ये पुख्ता हो जाता है कि आप मेनोपॉज की स्थिति में हैं और अब आप गर्भधारण नहीं कर सकती हैं।
सवाल- क्या सभी महिलाओं का मेनोपॉज एक जैसा होता है?
जवाब- नहीं, हर महिला को मेनोपॉज के बाद अलग-अलग अनुभव हो सकते हैं। इस दौरान मासिक धर्म चक्र का बंद हो जाना एक सामान्य बात है। इससे अलग मेनोपॉज की स्थिति तक पहुंचने पर या इसके बाद हॉर्मोनल बदलाव, बायोलॉजिकल और जीवनशैली जैसे कारकों के चलते अलग-अलग महिलाओं को अलग-अलग लक्षणों या शरीर में होने वाले बदलावों का सामना करना पड़ सकता है।
सवाल- क्या मेनोपॉज से पहले शरीर में कुछ लक्षण नजर आते हैं?
जवाब- मेनोपॉज के चलते महिलाओं के शरीर में कई तरह के परिवर्तन दिखने लगते हैं। इन बदलावों को मेनोपॉज का अर्ली साइन भी समझा जा सकता है। जैसे- इस दौरान महिलाएं खुद को अधिक बीमार या थका हुआ महसूस करने लगती हैं, शुरुआत में उन्हें अनियमित पीरियड्स का सामना करना पड़ता है, हॉट फ्लैशेज होना (अचानक तेज गर्मी महसूस करना) आम हो जाता है, कुछ महिलाओं को ब्रेस्ट में सूजन महसूस होती है, साथ ही इस दौरान वेजाइना में सूखापन रहना भी एक आम समस्या बन जाती है।
सवाल- क्या मेनोपॉज के बाद यौन संबंध बनाने की इच्छा खत्म हो जाती है?
जवाब- दरअसल, मेनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। साथ ही इसके बाद महिलाओं में सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन का लेवल भी कम हो जाता है, जिसे अधिकतर महिलाएं यौन संबंध न बनाने की इच्छा से जोड़कर देखने लगती हैं। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो ये तर्क पूरी तरह ठीक नहीं है।
इससे अलग, क्योंकि मेनोपॉज के बाद वेजाइना में सूखापन अधिक बढ़ जाता है, साथ ही वेजाइना की लाइनिंग भी पतली हो जाती है, इसके कारण संबंध बनाने के दौरान उन्हें दर्द का अनुभव हो सकता है या वेजाइना में कट्स हो सकते हैं। शरीर में आए इन बदलावों के कारण महिलाओं के यौन संबंध की इच्छा पर प्रभाव पड़ सकता है।
सवाल- क्या इन तमाम परेशानियों से निजात पाई जा सकती है?
जवाब- मेनोपॉज के बाद शरीर में हुए बदलाव और उससे यौन संबंध पर पड़ते असर को कम करने के लिए डॉक्टर से हार्मोनल थेरेपी या वजाइना एस्ट्रोजन के बारे में सलाह ली जा सकती है। इससे योनी स्वस्थ रहती है और इसमें सूखापन भी नहीं होता है, जो आमतौर पर दर्द का कारण बनता है। बेहतर अनुभव के लिए आप अपने डॉक्टर से खुलकर बात कर सकते हैं।
सवाल- मेनोपॉज के बाद कैसे रखें खुद का ख्याल?
जवाब- इसके लिए खानपान पर ध्यान देना सबसे अधिक जरूरी है। आप अपनी डाइट में पौष्टिक आहार शामिल करके शारीरिक और भावनात्मक, दोनों रूप से बेहतर महसूस कर सकती हैं। साथ ही अच्छी नींद और नियमित रूप से व्यायाम भी जरूरी है। योनि में खुजली और जलन से बचने के लिए हल्के और सिंगल लेयर कॉटन के कपड़े पहनें। साथ ही नियमित और हल्के व्यायाम को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाना न भूलें।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।