सर्दी के मौसम ने दस्तक दे दी है। अक्तूबर से लेकर फरवरी 28 तक का महीना सर्दी का महीना कहलाता है। उमस भरी गर्मी के बजाए सर्दी का मौसम लोगों को बेहद पसंद आता है। लोग इस मौसम में घूमना-फिरना और पार्टी करना पसंद करते हैं। सर्दी को लोग बेहद इंज्वाय करते हैं। तापमान में गिरावट का असर लोगों के मूड को और सेहत दोनों को प्रभावित करता है। इस मौसम में लोगों का मूड अच्छा रहता है लेकिन सेहत को कई तरह की परेशानियां होती है। सर्द मौसम का असर बुजुर्ग लोगों पर ज्यादा करता है।
बदलते मौसम के साथ लोग बीमार हो जाते हैं क्योंकि तापमान में बदलाव के कारण वायरस पनपता हैं जो बाद में बीमारियां फैलाता हैं। सर्दी के मौसम में गले में खराश हो सकती है जो बाद में एक गंभीर संक्रमण में बदल सकती है जिससे भोजन या पानी निगलने में काफी दर्द होता है। इसके अलावा, ठंड के मौसम के कारण, आपका शरीर ठंडा हो जाता है और ऐसे में साधारण बीमारियों को भी ठीक होना मुश्किल होता है। इसलिए, सर्दियों में एहतियाती उपाय करने और मौसमी बीमारियों से बचने की सलाह दी जाती है। इस मौसम में तापमान गिरने से कौन-कौन सी बीमारियां परेशान कर सकती हैं जानिए।
सामान्य सर्दी-जुकाम
सर्दी जुकाम एक ऐसी परेशानी है जो सर्दी में लोगों को ज्यादा परेशान करती है। इस मौसम में शुष्क और ठंडी जलवायु राइनोवायरस के पनपने के लिए अनुकूल समय है। राइनोवायरस सर्दी जुकाम का सामान्य वायरस है जो सर्दी में ज्यादा परेशान करता है। सर्दी में होने वाला सर्दी जुकाम 4-5 दिनों तक परेशान करता है। अगर सर्दी जुकाम इससे ज्यादा समय रहे तो डॉक्टर को दिखाएं।
रोकथाम:
वायरस को फैलने से रोकना आम सर्दी से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है। बार-बार हाथ धोना और सर्दी-जुकाम वाले लोगों के संपर्क में आने से बचना बेहद जरूरी है। यदि परिवार का कोई सदस्य बीमार है, तो उससे दूरी बनाकर रहें। घर के अंदर लाइट स्विच जैसी सतहों को साफ करने के लिए कीटाणुनाशक का उपयोग करें।
जोड़ों में दर्द:
सर्दी बढ़ने से जोड़ों में दर्द की शिकायत ज्यादा रहती है। इस मौसम में गठिया के मरीजों के जोड़ों में स्टिफनेस ज्यादा हो जाती है जिसकी वजह से उठना-बैठना तक दूभर हो जाता है। नारायण हेल्थ ट्रस्ट के मुताबिक जोड़ों का दर्द तापमान में कमी की वजह से होता है। सर्दी में ब्लड वेसल्स सिकुड़न लगती हैं जिसकी वजह से जोड़ों के आस-पास खून का तापमान बहुत कम हो जाता है और जोड़ों में अकड़न और दर्द की शिकायत रहती है।
रोकथाम:
सर्दी में जोड़ों में दर्द से बचाव करना चाहते हैं तो जितना हो सके उतना बॉडी को गर्म रखें। बॉडी को गर्म रखने के लिए धूप में बैठें। जोड़ों की दर्द के तेल से मसाज करें। बॉडी को एक्टिव रखें। वॉक करें ताकि जोड़ों की स्टिफनेस कम हो सके।
निमोनिया कर सकता है परेशान:
सर्दी बढ़ने से निमोनिया बेहद परेशान कर सकता है। निमोनिया एक जानलेवा बीमारी है जिसमें वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण फेफड़ों की छोटी थैली में फैल जाते हैं, जिससे वे तरल पदार्थ से भर जाते हैं। निमोनिया सांस की तकलीफ का कारण बनता है। निमोनिया पैदा करने वाले कीटाणु खांसने, छींकने या संक्रमित वस्तुओं को छूने और फिर मुंह या नाक को छूने से फैल सकते हैं।
रोकथाम:
इस बीमारी से बचाव के लिए आप सर्दी से बचाव करें। सुबह की सर्दी से बचें। रेगुलर वॉक या एक्सरसाइज करें ताकि बॉडी गर्म रहें। बैक्टीरिया से बचाव के लिए भी वैक्सीन जरूर लगवाएं।शुगर के मरीज सर्दी में सेहत का खास ध्यान रखें।