आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में कमर का दर्द बहुत लोगों को परेशान कर रहा है। कामकाज की व्यस्तता के चलते तनाव, पीठ और गर्दन दर्द का समस्या बहुत ही आम हो चुकी है। कमर दर्द, पीठ के निचले हिस्से में दर्द या फिर पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द हो। आज के समय में कम उम्र के लोग भी इस दर्द से काफी परेशान रहते हैं। हालांकि, ज्यादा देर तक बैठे रहना या फिर एक पॉश्चर में बैठे रहने से भी कमर दर्द हो सकता है। आमतौर पर एर्गोनॉमिक रूप से अनुपयुक्त स्थिति में पीठ के निचले हिस्से में दर्द और ग्रीवा दर्द जैसे रीढ़ की हड्डी के विकारों में वृद्धि होती है, जिसके लिए सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है। अगर, आप भी पीठ दर्द की समस्या से परेशान हैं और इससे राहत पाना चाहते हैं तो डेली रूटीन में कुछ बदलाव करने से सब सही हो सकता है।
मेदांता, गुरुग्राम के ऑर्थोपेडिक्स के निदेशक डॉ. विनीश माथुर के अनुसार, नियमित रूप से काम करने वाले लोगों द्वारा हर 12 महीने में 55.3% गर्दन और 64.5% पीठ के निचले हिस्से की समस्याएं रिपोर्ट की जाती हैं। ऐसे में रीढ़ की हड्डी की समस्या से बचाव के लिए लाइफस्टाइल का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है। डॉ. विनीश माथुर ने बताया कि पीठ दर्द का सबसे मुख्य कारण गलत पॉश्चर में बैठना होता है। झुकना, आगे की ओर झुकना और कंधों को गोल करना रीढ़ पर ज्यादा दबाव डाल सकता है, जिसके चलते मस्कुलोस्केलेटल असंतुलन हो सकता है। पीठ के निचले हिस्से में दर्द विकलांगता के प्रमुख कारणों में से भी एक है।
तनाव के कारण
तनाव भी रीढ़ की हड्डी की समस्याओं का एक कारण है। जल्दबाजी में काम पूरा करना, कभी न खत्म होने वाली मीटिंग और कॉर्पोरेट कॉम्पिटिशन शरीर में कोर्टिसोल के लेवल को बढ़ा सकती है। दरअसल, जब हम तनाव में होते हैं तो हमारी मांसपेशियां अकड़ जाती हैं। खासकर गले और पीठ के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियों पर तनाव का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में पीठ की मांसपेशियां अकड़ जाती है और पीठ दुखने लगती है।
घंटों फोन या टैब का इस्तेमाल
अक्सर कई लोग दिन में घंटों-घंटों फोन या टैब में बिजी रहते हैं, उन्हें टेक्स्ट नेक हेल्थ प्रॉब्लम होती है। क्योंकि, फोन या टैब का इस्तेमाल करने से लंबे समय तक गर्दन नीचे झुकाए हुए रहते हैं, जिसके चलते मेरुदंड यानी स्पाइन पर ज्यादा दबाव पड़ता है। हालांकि, शुरुआत में इसका एहसास नहीं होता, लेकिन धीरे-धीरे करके ये पॉश्चर को प्रभावित करने लगती है और पीठ का दर्द शुरू हो जाता है।
कैसे करें बचाव
ऑफिस में काम करते समय कमर को आराम दें, ज्यादा समय तक सीट पर नहीं बैठे रहें। अगर, ऑफिस में काम ज्यादा तो आप जमीन पर पैरों को सीधा करके बैठे या फिर बीच-बीच में उठते रहें। इसके अलावा रोजाना शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए, जैसे 30-45 मिनट टहलना, योग या तैराकी आदि। नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटी जोड़ों और मांसपेशियों को हेल्दी बनाए रखने में मदद करती है। इसके अलावा आहार के माध्यम से कैल्शियम और विटामिन डी का पर्याप्त सेवन करने के साथ-साथ वजन कंट्रोल भी महत्वपूर्ण है।
- हर एक घंटे के बाद कुर्सी से उठ जाएं, ताकि शारीरिक स्थिति में बदलाव आए। काम के बीच में स्ट्रेचिंग द्वारा शरीर को रिफ्रेश करें। इसके अलावा अचानक झुकने से बचें, बैठते समय पॉश्चर सही रखें।
- लैपटॉप और डेस्कटॉप पर काम कर रहे हों, तो इस चीजों के सबसे ऊपरी भाग आपकी नजर के 90 डिग्री के कोण में होनी चाहिए।
- वजन उठाते वक्त पूरी तरह नीचे ना बैठें। ऐसा न करने पर पीठ की तकलीफ हो सकती है।
- खानपान की सही आदतें डालें, इससे न केवल सेहतमंद वजन बनाए रखने में मदद मिलती है, बल्कि शरीर पर अतिरिक्त दबाव कम होता है।
- सोने के तरीके में सामान्य बदलाव करके पीठ पर पड़ने वाले दबाव को कम कर सकते हैं।
- करवट लेकर सोना और अपने पैरों के बीच में तकिया रखना।
- मानसिक तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान या गहरी सांस लेने आदि को अपने डेली रूटीन में शामिल करें।
वहीं, द लैंसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चलता है कि रोजाना सिर्फ 7,000 कदम चलना भी स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए काफी हो सकता है।