उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर लाइफस्टाइल से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जो बीते कुछ वर्षों में बेहद आम हो गई है। बीपी के बढ़ जाने पर हार्ट से जुड़ी जानलेवा स्थिति का खतरा भी अधिक बढ़ जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीपी हाई होने से अलग ब्लड प्रेशर का लो हो जाना भी उतना ही खतरनाक है? इस स्थिति को लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाना भी आपके हार्ट के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो सकता है, इतना ही नहीं, कुछ गंभीर स्थितियों में ब्रेन हैम्रेज का खतरा भी बढ़ सकता है।
क्या होता है लो ब्लड प्रेशर?
जैसा की नाम से साफ है, जब ब्लड वेसेल्स में बहने वाले खून का बल बहुत कम होता है, तब उस स्थिति को लो ब्लड प्रेशर कहा जाता है। इसे हाइपोटेंशन (Hypotension) भी कहा जाता है। दरअसल, हमारी बॉडी में खून एक निश्चित प्रेशर पर बहता है। आमतौर पर सिस्टोलिक प्रेशर (बीपी की ऊपरी लिमिट) 100 से 120 के बीच रहता है और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर (बीपी की निचली लिमिट) 70 से 80 के बीच होता है लेकिन जब सिस्टोलिक बीपी 90 से नीचे और डायस्टोलिक बीपी 60 के नीचे हो, तो इसे लो ब्लड प्रेशर कहा जाता है।
कैसे है खतरनाक?
जैसा की ऊपर जिक्र किया गया है, हाई ब्लड प्रेशर की तरह ही बीपी के लो हो जाने पर भी हार्ट को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। दरअसल, अगर आपका बीपी लंबे वक्त तक सामान्य लेवल से कम रहने लगे, तो शरीर के अंगों में खून ठीक से नहीं पहुंच पाता है। ऐसे में हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फैलियर जैसी गंभीर और जानलेवा स्थिति पैदा हो सकती हैं। साथ ही ये आपके नर्वस सिस्टम व ब्रेन को भी डैमेज कर सकता है।
कैसे करें पहचान?
अब सवाल ये है कि आपको कैसे पता चलेगा आपका बीपी लो हो रहा है? ऐसे में बता दें कि वैसे तो लो बीपी का कोई खास लक्षण नहीं है। यही वजह है कि इससे पीड़ित शख्स को लंबे वक्त तक इस ‘साइलेंट किलर’ स्थिति के बारे में पता नहीं चल पाता है। हालांकि, कुछ खास मामलों में बीपी लो होने पर शख्स को बहुत अधिक थकान महसूस होना, चक्कर आना, कमजोरी, ठीक से दिखाई न देना, आंखों के आगे अंधेरा छा जाना, उल्टी और मतली, काम पर फोकस करने में परेशानी होना, चेहरे का रंग सफेद पड़ जाना, हाथ-पैर ठंडे पड़ जाना, सांस लेने से जुड़ी आदि समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
इस स्थिति में क्या करें?
अगर आपको इन तरह की समस्याएं परेशान कर रही हैं, तो सबसे पहले एक गिलास पानी में एक चम्मच नमक घोलकर पी लें। इससे अलग आप ओआरएस पी सकते हैं। हालांकि, आराम न मिलने की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना बेदज जरूरी है। इस स्थिति में देरी और लापरवाही, पीड़ित के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।