पुरुषों में इंफर्टिलिटी की तमाम वजहें हो सकती हैं। मसलन- अनियंत्रित जीवनशैली, खानपान और अनुवांशिक। लेकिन क्या आपको पता है कि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल भी आपकी फर्टिलिटी पर नकारात्मक असर डालता है। पुरुषों की प्रजनन क्षमता में गिरावट और तमाम रिसर्च रिपोर्ट को देखते हुए तमाम डॉक्टर भी अब ऐसा ही मानने लगे हैं।
मेल इंफर्टिलिटी पर रिसर्च कर रहे तमाम रिपोर्ट्स के मुताबिक मोबाइल फोन, लैपटॉप, यहां तक कि माइक्रोवेव का उपयोग पुरुषों में बांझपन का कारण बन रहा है। पुरुषों की प्रजनन क्षमता में गिरावट पूरी दुनिया के लिए चिंता का सबब बन गया है। रिसर्च के मुताबिक हाईटेक लाइफस्टाइल जीवन को आसान तो बना रही है, लेकिन इसके खतरे भी हैं। मोबाइल, लैपटॉप, आईपॉड, वाई-फाई, ब्लूटूथ, इयरफोन आदि प्रजनन क्षमता पर असर डाल रहे हैं।
क्या कहती है रिसर्च: कई अध्ययन में यह बात सामने आई है कि मोबाइल फोन से निकलने वाला रेडिएशन पुरुषों के स्पर्म काउंट और उसकी गतिशीलता पर नकारात्मक असर करता है। स्पर्म की गतिशीलता या Mortality का तात्पर्य स्पर्म की फूर्ति से है। अगर स्पर्म में गतिशीलता नहीं होगी तो वह अंडाणु के उपर बनी परत को तोड़ने में नाकामयाब रह जाएगा। नतीजा स्पर्म तैरकर अंडाणु में प्रवेश नहीं कर पाएगा, इससे इंफर्टिलिटी का जोखिम होगा।
एशियन जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल एंड क्लिनिकल रिसर्च (Asian Journal of Pharmaceutical and Clinical Research) के अध्ययन में पाया गया है कि सामान्य आबादी में 15 से 20 प्रतिशत लोगों में इंफर्टिलिटी की समस्या है। इस दर में 20 से 40 प्रतिशत इंफर्टिलिटी पुरुषों में है, यानी अगर 100 लोगों में 20 लोगों में इंफर्टिलिटी की समस्या है तो इन 20 लोगों में 4 से 8 पुरुष हैं। आंकड़ों के मुताबिक भारत में 23 प्रतिशत पुरुष इंफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे हैं।
किन चीजों के कारण होती है पुरुषों में इंफर्टिलिटी: यह जानना जरूरी है कि किन चीजों से पुरुषों में शुक्राणुओं पर नाकारात्मक असर पड़ रहा है। रिसर्च के मुताबिक मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर, माइक्रोवेव ओवन, टीवी, वाईफाई, फोन टावर आदि से निकलने वाला रेडिएशन स्पर्म काउंट, उसकी गतिशीलता, उसकी रचना को प्रभावित करता है। इतना ही नहीं, ये सब स्पर्म के डीएनए, हार्मोन और एंटीऑक्सिडेंट्स एंजाइम को भी डैमेज करते हैं।
इसका निदान क्या है: इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का कम से कम इस्तेमाल करें। स्पर्म की हेल्थ के लिए आराम की जरूरत होती है। कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लें। इससे स्पर्म की क्वालिटी बेहतर रहती है। रोजाना एक ही समय पर सोना अच्छा माना जाता है।
हालांकि आज के समय में फोन के इस्तेमाल को पूरी तरह बंद करना संभव नहीं है लेकिन जितना हो सके इसका कम से कम इस्तेमाल करें। छोटे बदलाव करें, जैसे- सेल फोन को कहां रखना है इसका ध्यान दें। हममें से अधिकांश लोग फोन को अपनी जेब में रखते हैं, इसके बजाय फोन को बैग में रखने की आदत डालें। यह छोटा सा बदलाव मोबाइल फोन के रेडिएशन के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।