Diabetes Diet: दूध एक ऐसा पेय पदार्थ है जिसका सेवन हर कोई करता है। बच्चे से लेकर बूढ़े तक दूध पीना पसंद करते हैं। ये शरीर को ताकत तो प्रदान करता ही है, साथ में कई पोषक तत्वों का भंडार भी होता है। न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स के मुताबिक दूध में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, जिंक, विटामिन डी और पोटैशियम पाया जाता है। इतने फायदों के बावजूद, हर किसी के लिए दूध लाभकारी हो ये जरूरी नहीं है। हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि डायबिटीज रोगियों के लिए हर तरह का दूध फायदेमंद नहीं होता है। आइए जानते हैं विस्तार से –

क्या डायबिटीज रोगी पी सकते हैं दूध: घरों में कई लोगों के दिन की शुरुआत एक गिलास दूध से ही होती है। वयस्कों से लेकर बुजुर्ग तक दूध का सेवन करते हैं। इसमें कार्ब्स पाया जाता है जो डायबिटीज रोगियों के शरीर में कुछ मात्रा में ही जरूरी है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि मधुमेह के मरीजों को डाइट में 45 से 60 ग्राम ही कार्ब्स लेने चाहिए। एक गिलास दूध में करीब 15 ग्राम कार्ब्स होता है। ऐसे में दिन भर में एक गिलास दूध पी सकते हैं।

कच्चा दूध: कई अध्ययनों में इस बात का खुलासा हो चुका है कि कच्चे दूध में पामिटोलिक एसिड नामक तत्व होता है जो इंसुलिन के कामकाज को बेहतर करता है। ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि डायबिटीज रोगी इसका सेवन कर सकते हैं।

बादाम का दूध: यह एक बहुत ही पॉपुलर प्लांट बेस्ड मिल्क है जिसे आसानी से मार्केट से खरीदा जा सकता है। इसमें गाय के दूध की तुलना में कैलोरीज की मात्रा कम होती है। साथ ही, विटामिन डी और ई जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। साथ ही, इसमें प्रोटीन और फाइबर भी भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं जो ब्लड में ग्लूकोज को जल्दी एब्जॉर्ब नहीं होने देता है। इसे आप घर पर भी बना सकते हैं।

कैमल मिल्क: आमतौर पर लोग गाय-भैंस के दूध का इस्तेमाल ही करते हैं लेकिन डायबिटीज रोगियों को इनके सेवन से बचना चाहिए क्योंकि इसमें फैट और कैलोरीज की अधिकता होती है जो मरीजों के लिए नुकसानदायक है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कैमल मिल्क मरीजों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। इसमें मौजूद तत्व शुगर लेवल नियंत्रण में रखते हैं। साथ ही, इन मरीजों की किडनी और लिवर की परेशानी नहीं होती है।

गाय का दूध: इसमें कैलोरीज, सैचुरेटेड फैट होता है जो शुगर के मरीजों के लिए हानिकारक है। वहीं, एक शोध के मुताबिक गाय के दूध में मौजूद प्रोटीन लोगों में टाइप 1 डायबिटीज के जोखिमों को बढ़ाता है।

हल्दी वाला दूध: हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन अगर शरीर में ज्यादा मात्रा में चले जाए तो स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से भी प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को दिन भर में 2 बार से अधिक हल्दी दूध पीने की सलाह नहीं दी जाती है।