जिंदगी की मसरूफियत में दिनों दिन इज़ाफा हो रहा है, पैसे की डिमांड के साथ ही काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। हम लोग जिंदगी की जरूरतों को पूरा करने में इतने खो गए हैं कि अपनी सेहत को हमने नजरअंदाज कर दिया है। उम्र के 30-40 सालों तक बॉडी जवान रहती हैं तो हम उससे ज्यादा से ज्यादा काम ले लेते हैं लेकिन जैसे ही उम्र का आंकड़ा बढ़ने लगता है वैसे-वैसे बॉडी बीमारियों का घर बनने लगती है। हम अपनी बॉडी से ज्यादा से ज्यादा काम लेते हैं लेकिन कई बार ऐसा होता है कि हम अपनी बॉडी का चाहकर भी इस्तेमाल नहीं कर पाते। बॉडी में इतनी सुस्ती, थकान और कमजोरी होती है कि बिस्तर से उठना तो दूर हिला-डुला तक नहीं जाता।
फोर्टिस अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, एमडी, डीएम डॉ. प्रणव होन्नावरा श्रीनिवासन ने बताया कि बॉडी के कभी-कभी आलसी होने के लिए शारीरिक और मानसिक दोनों कारण जिम्मेदार हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक नींद की कमी होने से, गतिहीन जीवनशैली और बॉडी में पोषक तत्वों की कमी होने की वजह से बॉडी में ऊर्जा का स्तर खत्म हो सकता है और आप सिर्फ बिस्तर पर आराम करना पसंद करते हैं। अगर आपकी डाइट में आयरन या विटामिन डी जैसे बॉडी के लिए जरूरी पोषक तत्वों की कमी है, तो आप लगातार थकान और कमजोरी महसूस कर सकते हैं।
मानसिक कारणों की बात करें तो तनाव, चिंता और अवसाद बॉडी को आलसी बनाते हैं। जब आपका दिमाग चिंताओं से घिरा होता है या आप उदास महसूस कर रहे होते हैं तो आपको कुछ अच्छा नहीं लगता सिर्फ आराम करना ही बेहतर लगता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि बॉडी क्यों अक्सर लेजी महसूस करती है और इस स्थिति से कैसे बचा जाए।
क्यों बॉडी में कमजोरी और थकान रहती है अक्सर सवार
कभी-कभी कमजोरी थकान की वजह से हो सकती है। शारीरिक और मानसिक थकान ऊर्जा का स्तर लो करती है। लेकिन अक्सर आपकी बॉडी में कमजोरी और थकान रहती है और आप बिस्तर से उठना तक पसंद नहीं करते तो उसके लिए कुछ मेडिकल कंडीशन जिम्मेदार हैं। बॉडी में पोषक तत्वों की कमी होने से कमजोरी और थकान बनी रहती है। आयरन, विटामिन डी, या विटामिन बी जैसे प्रमुख पोषक तत्वों की कमी से आप थका हुआ और कमजोर महसूस कर सकते हैं।
कुछ मेडिकल कंडीशन जैसे हाइपोथायरायडिज्म, एनीमिया और डायबिटीज ऐसी कुछ स्थितियां हैं जो क्रोनिक थकान का कारण बन सकती हैं। यदि आप लगातार थका हुआ महसूस करते हैं तो इन स्थितियों से निपटने के लिए तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं और कुछ जरुरी जांच कराएं। बॉडी में होने वाली कमजोरी और थकान का पता लगाने के लिए एक ब्लड टेस्ट कराएं जिससे बॉडी में होने वाली परेशानी का आसानी से पता चल जाएगा।
कमजोरी और थकान को दूर करने के लिए ये हैं असरदार तरीके
बॉडी को एक्टिव रखें
आलस्य पर काबू पाने के लिए स्मार्ट गोल सेट करें। आप कोशिश करें कि आप पूरे हफ्ते बॉडी को एक्टिव रखें। बॉडी को एक्टिव रखने के लिए आप हफ्ते में 5 दिनों तक 20 मिनट तक वॉक करने का लक्ष्य तय करें। ये स्मार्ट गोल आपकी प्रेरणा को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
खुश रहने की आदत डालें
जिंदगी में जैसे भी हालात हैं उसे बेहतर करने की कोशिश करें और खुश रहने की आदत डालें। हर हाल में खुश रहें आपकी मानसिक सेहत दुरुस्त रहेगी और आप लो फील नहीं करेंगे। आप खुश रहने के लिए उन कामों को चुनें जिसमें आपको आनंद मिलता है जैसे डांस करना, लम्बी वॉक करना,कोई मनपसंद खेल खेलना, चलना-फिरना।
एक रूटीन बनाएं
आप अपने किसी भी काम की रूटीन बनाएं। जरूरी कामों को करने के लिए कैलेंडर में शेड्यूल करें और निरंतरता बनाए रखें। समय के साथ यह एक आदत बन जाएगी।
लोगों के संपर्क में रहें
आप सोशल गैदरिंग में रहकर भी अपनी मानसिक और शारीरिक सेहत में सुधार कर सकते हैं। आप लोगों से मिलें, बातचीत करें। दोस्तों के साथ व्यायाम और फिटनेस क्लास में शामिल हो।