Tips for Diabetes Patients: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें लोगों को अपना ख्याल रखना और खुद पर कंट्रोल रखना बहुत जरूरी होता है। इससे रक्त शर्करा के स्तर पर निगरानी रखना आसान हो जाता है। बता दें कि ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना और घटना, दोनों ही खतरनाक साबित हो सकता है। वहीं बेहतर मैनेजमेंट और कंट्रोल के जरिये जटिलताएं कम हो सकती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक 6 नियमों को मानने से रक्त शर्करा के स्तर को काबू में रखने में मदद मिलेगी।

हेल्दी डाइट का करें चुनाव: एबॉट न्यूट्रिशन मेडिकल एंड साइंटिफिक अफेयर्स के एसोसिएट डाइरेक्टर, डॉक्टर गणेश काधे के अनुसार डायबिटीज रोगियों को अपने खानपान को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए। ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने के सर्वश्रेष्ठ उपायों में से एक है हेल्दी भोजन करना। आपको हर 2-3 घंटे के बीच कुछ खाना चाहिए। रिफाइंड प्रोडक्ट जैसे कि नूडल्स, सफेद चावल और ब्रेड शुगर लेवल बढ़ाते हैं, ऐसे में इन्हें खाने से बचें।

नियमित व्यायाम: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक ब्लड शुगर लेवल पर नियंत्रण रखने में फिजिकल एक्सरसाइज अहम भूमिका निभा सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार जो लोग एक ही पोजिशन में काफी देर तक बैठे रहते हैं उनमें डायबिटीज का खतरा 3.4 परसेंट तक ज्यादा हो जाता है। हालांकि, व्यायाम करने से पहले और बाद में अपने शुगर लेवल की जांच अवश्य करें। अगर ये जरूरत से ज्यादा या कम हो तो ब्रेक लें।

दवाई खाना न भूलें: डायबिटीज के वैसे मरीज जो दवा खाते हैं, उन्हें भूल से भी इसे स्किप नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से रोगी कई स्वास्थ्य परेशानियों से घिर सकते हैं। ऐसे में लिस्ट बनाकर अपने साथ रखें कि कौन सी दवा का सेवन कब करना है।

वजन पर संतुलन: डायबिटीज रोगियों के लिए मोटापा किसी अभिशाप से कम नहीं होता है। ये कई कॉम्प्लिकेशन्स को बढ़ाता है जिससे मधुमेह रोगियों में हार्ट डिजीज का खतरा होता है। ऐसे में वजन पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी होता है।

चेक करते रहें ब्लड शुगर: मधुमेह रोग से ग्रस्त मरीजों को हर कुछ दिनों के अंतराल पर अपने रक्त शर्करा का स्तर जांच लेना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स भी कहते हैं कि डायबिटीज रोगियों को ग्लूकोमीटर इस्तेमाल करने की आदत होनी चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि साल में 2 बार या फिर हर तीन महीने में एक बार हीमोग्लोबिन ए1सी (HbA1C) जांच भी करा लेनी चाहिए।

कोलेस्ट्रॉल लेवल पर रखें ध्यान: डायबिटीज रोगियों को उन फूड्स से दूरी बनाए रखने की सलाह दी जाती है जिसमें सैचुरेटेड और ट्रांस फैट मौजूद होते हैं। ये तत्व शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल की मात्रा को बढ़ाते हैं। मधुमेह के मरीजों में आमतौर पर भी गुड कोलेस्ट्रॉल में कमी और बैड कोलेस्ट्रॉल में अधिकता देखने को मिलती है जो लोगों को हृदय रोग और स्ट्रोक के करीब ले जाता है।