मशहूर अमेरिकी गायक और अभिनेता जस्टिन टिम्बरलेक ने तुर्की में अपने “फॉरगेट टुमॉरो” वर्ल्ड टूर के समापन के बाद खुलासा किया कि उन्हें लाइम रोग हो गया है। गायक ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट में अपना हेल्थ अपडेट दिया है। 31 जुलाई को शेयर की गई एक पोस्ट में गायक ने अपने 30 साल के लंबे करियर और अपनी हेल्थ समस्याओं के बारे में जानकारी शेयर की। जस्टिन टिम्बरलेक ने अपने पोस्ट में बताया कि वह कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं और उन्हें लाइम रोग का पता चला है।
जस्टिन टिम्बरलेक ने लिखा कि अगर आपने इस बीमारी का अनुभव किया है या किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिसने इसका अनुभव किया है, तो आप जानते हैं। इसके साथ जीना मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से बेहद कमजोर कर देने वाला हो सकता है। जब मुझे पहली बार इसका पता चला, तो मैं वाकई हैरान रह गया। मैं समझ सकता था कि जब मैं मंच पर रहता हूं तो मुझे इतना ज्यादा नसों में दर्द होता है या मैं बहुत ज्यादा थकान या बीमारी महसूस करती हूं। उन्होंने आगे लिखा कि मैं इसलिए नहीं कह रहा हूं कि आपको मेरे लिए बुरा लगे, बल्कि यह इस बात पर प्रकाश डालने के लिए कह रहा हूं कि पर्दे के पीछे मैं किन चीजों से जूझ रहा हूं।
जस्टिन टिम्बरलेक ने कहा कि मैं इस बारे में बात करने से हिचकिचा रहा था, क्योंकि मुझे हमेशा से ऐसी बातें अपने तक ही रखने के लिए पाला गया था, लेकिन मैं अपने संघर्षों के बारे में ज्यादा पारदर्शी होने की कोशिश कर रहा हूं ताकि उनकी गलत व्याख्या न की जाए। यह सब इस उम्मीद के साथ साझा कर रहा हूं कि हम सब एक-दूसरे से ज्यादा जुड़ने का कोई रास्ता निकाल पाएंगे। मैं इस बीमारी से जूझ रहे दूसरे लोगों की भी मदद करने में अपना योगदान देना चाहता हूं।
पशु विज्ञान विभाग में डॉ. एन आर रावत के मुताबिक, कीड़ों के काटने से लाइम डिजीज हो सकता है। लाइम रोग के कारण ब्रेन पर भी इसका असर पड़ सकता है। इस रोग के फैलने का मुख्य कारण दुनियाभर में हो रहे जलवायु परिवर्तन है, जिसके चलते कीड़े ज्यादा पनप रहे हैं। इस समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये धीरे-धीरे गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है।
लाइम रोग क्या है?
लाइम रोग एक जीवाणु संक्रमण है, जो संक्रमित टिक के काटने से फैलता है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यह बोरेलिया बर्गडॉर्फेरी नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। इस समस्या का समय रहते इलाज न किया जाए, तो यह रोग हार्ट, तंत्रिका तंत्र और जोड़ों को प्रभावित कर सकता है।
लाइम रोग के लक्षण
मेयो क्लिनिक के अनुसार, रोग की अवस्था के आधार पर इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। लाइम रोग के विभिन्न चरणों के लक्षण अलग होते हैं। प्रथम चरण में टिक काटने की जगह पर दाने, बुखार, सिरदर्द, अत्यधिक थकान, जोड़ों में अकड़न, मांसपेशियों में दर्द और पीड़ा हो सकती है। वहीं, दूसरे चरण में शरीर के अन्य भागों पर कई चकत्ते, गर्दन में दर्द और अकड़न, चेहरे पर मांसपेशियों की कमजोरी, अनियमित दिल की धड़कन, हाथ-पैर में दर्द, सुन्नता और कमजोरी इसके साथ ही आंख या पलक में सूजन आदि हो सकती है।
लाइम रोग के कारण
यह स्थिति बोरेलिया बैक्टीरिया के कारण होती है। टिक्स अपने मेजबान, जैसे हिरण या कृंतक से बैक्टीरिया ग्रहण करते हैं, लेकिन वे बैक्टीरिया को दूसरे मेजबान तक भी पहुंचा सकते हैं। जब कोई संक्रमित टिक किसी व्यक्ति को खाता है, तो बैक्टीरिया उस व्यक्ति के ब्लड फ्लो में पहुंच सकता है।
लाइम रोग से बचाव
लाइम रोग से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है कि जब आप बाहर हों तो टिक्स के काटने से बचें। क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, अगर आप ऐसी जगहों पर हैं जहां टिक्स होने की संभावना है, तो खुद को सुरक्षित रखने के लिए इन सुझावों का पालन करें।
कपड़ों पर पर्मेथ्रिन का छिड़काव करें
- डीईईटी नामक रसायन युक्त कीट निरोधकों को कपड़ों पर या सीधे आपकी त्वचा पर भी लगाया जा सकता है।
- त्वचा को टिक्स और कीट विकर्षकों के संपर्क में आने से बचाने के लिए लंबी पैंट और लंबी आस्तीन वाली शर्ट पहनें।
- टोपी पहनें, अपनी पैंट को मोजे में डालें और ऐसे जूते पहनें जिससे आपके पैर का कोई भी हिस्सा खुला न रहे।