क्या आप भी डायबिटीज से पीड़ित हैं और आपको भी समय-समय पर कुछ मीठा खाने की लालसा परेशान कर देती है? अगर आपका जवाब हां है, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार हो सकता है। गौरतलब है कि मधुमेह यानी डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है, ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स इससे पीड़ित लोगों को सेहत का खास ख्याल रखने की सलाह देते हैं। खासकर मधुमेह होने पर कुछ भी मीठा खाने से पूरी तरह परहेज करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में कई बार शुगर क्रेविंग्स पेशेंट को परेशानी में डाल देती हैं। इसी कड़ी में यहां हम आपको एक ऐसे खास जूस के बारे में बता रहे हैं, जिसका मीठा स्वाद न केवल शुगर क्रेविंग कम करने में मदद करेगा बल्कि इसके नियमित सेवन से आपका ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रखेगा।

इससे पहले समझ लेते हैं कि आखिर डायबिटीज की स्थिति किस तरह आपकी सेहत को प्रभावित करती है-

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आप जो भोजन करते हैं, उसे आपका शरीर कार्बोहाइड्रेट में तोड़कर ग्लूकोज में बदलता है। इसके बाद हमारे पैंक्रियाज से इंसुलिन नामक हार्मोन निकलता है, जिसकी मदद से बॉडी सेल्स शुगर को सोखकर एनर्जी बनाती हैं। हमारा शरीर इस एनर्जी को हर तरह के शारीरिक कार्यों के लिए उपयोग करता है। हालांकि, डायबिटीज की चपेट में आने पर या तो पेंक्रियाज में हार्मोन इंसुलिन बनना बंद हो जाता है या जरूरत के हिसाब से इंसुलिन नहीं बनता है या हार्मोन ठीक से काम नहीं करता है। ऐसे में बॉडी सेल्स खून में मौजूद शुगर की मात्रा को सोखने में असमर्थ हो जाती हैं, जिससे बल्ड में शुगर की मात्रा अनकंट्रोल तरीके से बढ़ने लगती है और ये बढ़ा हुआ शुगर लेवल धीरे-धीरे शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाने लगता है। यही वजह है कि मधुमेह होने पर मीठे से पूरी तरह परहेज करने की सलाह दी जाती है।

ये जूस है फायदेमंद

मधुमेह रोगी मीठे की लालसा होने पर सेब, चुकंदर और गाजर के जूस का सेवन कर सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इन तीनों चीजों का साथ में सेवन करने से नेचुरल शुगर की मात्रा कुछ हद तक बढ़ जाती है, जो आपकी सेहत के लिए हानिकारक नहीं है। यानी आप बिना हानि शुगर क्रेविंग कम कर पाएंगे। इसके अलावा ये जूस आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रखने में भी मददगार साबित होगा।

कैसे पहुंचाता है फायदा?

सेब

सबसे पहले बात सेब की करें, तो सेब का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 39 है, यानी ये कम GI के वर्ग में आता है। वहीं, कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद होते हैं। दरअसल, GI इंडेक्स इस बात का माप है कि कोई भोजन हमारे ब्लड शुगर लेवल को कितनी जल्दी बढ़ाता है। मतलब हम जो भोजन करते हैं, उससे दो से तीन घंटे बाद ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा जितनी भी बढ़ती है उसे ग्लाइसेमिक इंडेक्स कहते हैं। ऐसे में कम GI इंडेक्स वाले फूड खून में शुगर की मात्रा को अधिक बढ़ने नहीं देते हैं।

इसके अलावा सेब में क्वेरसेटिन और फ्लोरिजन यौगिक होते हैं, जो शरीर में डायबिटीज के खतरे को कम करने में सहायक होते हैं। साथ ही इस फल में मौजूद प्लांट बेस्ड पॉलीफेनॉल्स, कार्ब्स को कम कर डायबिटीज के स्तर को कम करने में भी मददगार होते हैं। ऐसे में सेब का सेवन मधुमेह रोगियों को कई तरह से फायदा पहुंचा सकता है।

चुकंदर

चुकंदर में नाइट्रेट होते हैं जो नाइट्रिक ऑक्साइड में बदलकर रक्त वाहिका के विस्तार में मदद करते हैं, साथ ही बल्ड प्रेशर को भी कंट्रोल करते हैं, जो मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा है। चुकंदर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, इसके अलावा चुकंदर में मैंगनीज की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने में सहायक है, इससे पेशेंट का ब्लड शुगर लेवल मैनेज रहता है। इस तरह बीटरूट कई तरह से डायबिटीज से पीड़ित लोगों को फायदा पहुंचा सकती है।

गाजर

वहीं, बात गाजर की करें तो इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो भी मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है। फाइबर बेहतर ग्लाइसेमिक नियंत्रण और बेहतर पाचन स्वास्थ्य में योगदान करता है। इसे खाने से शुगर का लेवल एकदम से बढ़ता नहीं है, जिससे पेशेंट का ब्लड शुगर लेवल मैनेज रहता है।

इन बातों का रखें ध्यान

  • गाजर, सेब और चुकंदर का जूस तैयार करने के लिए आपको इन्हें बराबर मात्रा में लेकर केवल जूसर का सहारा लेना है, ध्यान रहे कि इसके लिए आप अलग से चीनी का इस्तेमाल न करें। वहीं, मीठे का मन न होने पर आप इस जूस में हल्का काला नमक डालकर इसका सेवन कर सकते हैं।
  • इससे अलग केवल खाने से पहले ही इस जूस का सेवन करें। ऐसा इसलिए क्योंकि बीटरूट, सेब और गाजर तीनों में ही नैचुरल शुगर मौजूद होती है, इस स्थिति में अगर आप भोजन के साथ इसे पीते हैं तो पोस्ट-मील ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है।
  • वहीं, भोजन के पहले इस जूस को पीने पर इसमें मौजूद नैचुरल शुगर धीरे-धीरे शरीर को एनर्जी देने का काम करती है। साथ ही एक दिन में केवल एक गिलास गाजर, चुकंदर, सेब का जूस सुरक्षित हो सकता है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।