डायबिटीज में ब्लड शुगर को कंट्रोल करना सबसे अहम काम है। ब्लड शुगर नॉर्मल करने के लिए बॉडी को एक्टिव रखना, तनाव कंट्रोल करना, डाइट में कार्ब्स का सेवन कंट्रोल करना सबसे अहम है। ब्लड शुगर नॉर्मल करने के लिए सबसे पहले डॉक्टर हिदायत देते हैं कि आप मीठा पर कंट्रोल करें। मीठा यानी कार्ब्स जो ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ाने में जिम्मेदार है। डायबिटीज मरीज अगर नियमित वॉक करें और समय पर दवा लें और कार्ब्स को कंट्रोल करें तो आसानी से ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल कर सकते हैं।

इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल, दिल्ली  में एंडोक्राइनोलॉजी में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सप्तर्षि भट्टाचार्य ने बताया कि एक 42 वर्षीय महिला को हाल ही में टाइप-2 डायबिटीज का पता चला। महिला ने डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए नेचुरल चीजों का सहारा लिया।  उन्होंने अपनी डाइट से सफेद चीनी पूरी तरह हटा दी और उसकी जगह गुड़ (Jaggery) का इस्तेमाल शुरू कर दिया। महिला को लगा कि गुड़ एक हेल्दी और सुरक्षित विकल्प है। हर सुबह वे चाय में गुड़ मिलातीं, खाना बनाने में इसका इस्तेमाल करतीं और दोपहर के भोजन के बाद मीठा खाने की क्रेविंग होने पर एक छोटा टुकड़ा गुड़ भी खा लेतीं थी।

शुगर कंट्रोल करने के सभी नियमों जैसे समय पर वॉक, डाइट कंट्रोल के नियमों का पालन करने के बावजूद उनकी शुगर बढ़ती ही जा रही थी। तीन महीने बाद उनका HbA1c 7.2% से बढ़कर 8.5% हो गया। डाइट रिव्यू करने पर पता चला कि वे दिन में कई बार गुड़ खा रही थीं। डॉक्टर ने बताया जब महिला ने शुगर खाना पूरी तरह बंद कर दिया तो उनकी शुगर नॉर्मल होने लगी और अगले तीन महीनों में HbA1c घटकर 7% पर आ गया। यह मामला दिखाता है कि कैसे गुड़ जैसी नेचुरल मिठास भी डायबिटीज मैनेजमेंट को बिगाड़ सकती है, भले ही लाइफस्टाइल का बाकी हिस्सा सही क्यों न हो। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि गुड़ नेचुरल है फिर भी कैसे ब्लड शुगर बढ़ाने में जिम्मेदार है।

क्यों डायबिटीज में गुड़ सुरक्षित नहीं है?

गुड़ गन्ने के रस को उबालकर जमाया जाता है। यह सफेद चीनी की तरह केमिकल प्रोसेस से नहीं गुजरता, लेकिन इसका मूल संघटन लगभग वही होता है। गुड़ में 85–90% तक शुगर यानी सुक्रोज होता है। यानी ये शरीर में जाकर चीनी की तरह ही असर करता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) भी हाई होता है, जो ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाता है।

डायबिटीज मरीजों में ब्लड में शुगर का हाई स्तर दिल, किडनी, नर्व्स और आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। सिर्फ एक चम्मच गुड़ में 4–5 ग्राम शुगर होती है और घर के खाने या स्नैक्स में इससे कहीं ज्यादा मात्रा में चीनी इस्तेमाल होती है। डाक्टर ने बताया गुड़ भले ही नैचुरल हो लेकिन इसका प्रभाव चीनी जैसा ही होता है।

गुड़ वाले फूड कैसे शुगर को बढ़ाते हैं?

कई लोग चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल यह सोचकर करते हैं कि ये हेल्दी विकल्प है। यही सोच उन्हें जरूरत से ज्यादा गुड़ खाने पर मजबूर कर देती है। सर्दी में लोग गुड़ का इस्तेमाल चाय में, चिक्की, तिल-गुड़ लड्डू, पीनट बार, गुड़ का हलवा आदि में करते हैं जो शुगर-डेंस और कैलोरी-हेवी होते हैं, जिससे शुगर बढ़ना तय है। डायबिटीज में बॉडी में पहले ही शुगर की मात्रा ज्यादा है ऐसे में थोड़ा सा भी गुड़ बॉडी में ब्लड शुगर बढ़ाने लगता है।

गुड़ का सेवन रोज करने से  HbA1c बढ़ता है, इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है, जिससे डायबिटीज तेजी से आगे बढ़ती है। डायबिटीज में रोज गुड़ का सेवन करने से फैटी लिवर का खतरा बढ़ता है। ये पेट की चर्बी बढ़ाता है, दिल के लिए खतरा पैदा करता है। इसका सेवन करने से  शरीर में सूजन बढ़ती है, जिससे किडनी, नर्व्स और आंखों को नुकसान हो सकता है। भले ही गुड़ प्राकृतिक हो, लेकिन इसका असर चीनी की तरह ही हानिकारक है।

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