Diabetes Home Remedies: खराब लाइफस्टाइल और स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही की वजह से आज के समय में कम उम्र में भी लोग कई गंभीर बीमारियों से घिरने लगते हैं। अस्वस्थ खानपान से शरीर में रक्त शर्करा का स्तर भी प्रभावित होता है। अनियंत्रित ब्लड शुगर के कारण डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। मधुमेह रोगियों को इस बीमारी के इलाज के साथ ही खानपान से जुड़ी सावधानियों को बरतना पडता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक कटहल के इस्तेमाल से भी ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक कटहल के आटे का इस्तेमाल करने से मधुमेह रोगियों को लाभ हो सकता है। इस रिसर्च में डायबिटीज टाइप 2 के 40 मरीजों को 3 महीनों तक लगातार करीब 30 ग्राम कटहल का आटा खिलाया गया। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष में पाया कि इसके सेवन से लोगों के रक्त शर्करा का स्तर बेहतर हुआ है।
हरा कटहल फाइबर से भरपूर होता है जो भारत के कई जगहों पर पाया जाता है। साथ ही, इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन ए, सी, पोटैशियम, एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। ये गट हेल्थ और इम्युनिटी को बूस्ट करता है। आइए जानते हैं कि डायबिटीज रोगियों के लिए ये कैसे फायदेमंद होता है।
कम होती है दूसरी बीमारियों की संभावना: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक कटहल के आटे में कार्ब्स की मात्रा कम होती है, साथ ही, इसमें फाइबर और प्रोटीन भी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। कटहल में एंटी-ऑक्सीडेंट्स जैसे कि कैरोटिनॉयड्स और फ्लेवनॉन्स भी पाए जाते हैं। ये बॉडी को इंफ्लेमेशन, हार्ट डिजीज और दूसरी गंभीर बीमारियों का खतरा कम होता है।
कंट्रोल में रहता है ब्लड शुगर: स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कटहल के आटे में मौजूद तत्व मरीजों के शरीर में HbA1c ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन, FBG-फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज और PPG-पोस्टप्रेंडियल ग्लूकोज का स्तर कम होता है।
कैसे करें डाइट में शामिल: हरे कच्चे कटहल के बीजों को अलग करके सुखा लें, फिर इन बीजों के ऊपरी छिलकों को हटाएं और काट लें। अब इन्हें अच्छी तरह पीसकर आटा तैयार करें। विशेषज्ञों के अनुसार रोजाना आप 30 ग्राम के करीब इस आटे को अपने डेली इस्तेमाल होने वाले आटे के साथ मिलाकर खाएं। इसके अलावा, इस आटे से डोसा या इडली बनाकर भी खा सकते हैं।